गोलापगंज के विभिन्न क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति किया गया सतर्क
गोलापगंज: ‘फाइलेरिया राेधी दवाई कभी भी खाली पेट नहीं खानी चाहिए। दूसरी बात, दवाई खाने के बाद किसी- किसी को छोटी- मोटी समस्या आ सकती है, लेकिन सभी को नहीं आती है। साथ ही दवा खाने के बाद यदि किसी इक्का- दुक्का व्यक्ति का जी मिचलाता है, उल्टी या चक्कर आता है तो इसका मतलब है कि उस आदमी के भीतर फाइलेरिया का परजीवी मौजूद था। दवा खाने से फाइलेरिया के परजीवी मरते हैं और इसके कारण थोड़ा-बहुत इस प्रकार का असर आता है। फिर एक- दो घंटे में स्वत: ठीक भी हो जाता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।’ उक्त संवाद जिले के हथुआ प्रखंड अंतर्गत बरारीपट्टी निवासी सत्यदेव खरवार के घर के पास आयोजित नुक्कड़ नाटक के पात्र मास्टर साहब का है। जो अपने पंचायत के मुखिया जी के साथ ग्रामीणों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। ताकि लोगों में जागरूकता आए और वो दवाओं का सेवन अनिवार्य रूप से करें।
जिला वेक्टर जनित राेग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर जिले में वृहद पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करते हुए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के दौरान दवाओं का सेवन कराया जा सके। इस क्रम में आगामी आठ फरवरी तक स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) के संयुक्त तत्वावधान में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के चयनित स्थलों पर पटना की कला जागरण टीम के कलाकारों द्वारा नाटक का मंचन किया जा रहा है। जिसमें लोगों को फाइलेरिया, उसके दुष्प्रभाव, एमडीए और दवाओं के महत्व की जानकारी दी जा रही है।
वीबीडीसी अमित कुमार ने बताया कि आगामी 10 फरवरी से जिले में एमडीए अभियान की शुरुआत होनी है। जिसको लेकर सभी तैयारियां अंतिम चरण में है। हालांकि, सरकार, स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थान अपनी ओर से भरपुर योगदान कर रहे हैं। लेकिन, अब लोगों की सहभागिता जरूरी है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा। जिसमें जिले के विभिन्न चयनित स्थलो पर आयोजित नुक्कड़ नाटक की भूमिका भी अहम है। नाटक के मंचन से शहरी और ग्रामीण स्तर के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और दवाओं का सेवन करने के लिए प्रेरित होंगे।
वीडीसीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि विगत पांच फरवरी से शुरू हुए इस अभियान के तहत लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने के लिए जिले के 14 स्थानों का चयन किया गया है। जहां पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस चार दिवसीय अभियान के अंतर्गत लगातार कला जागरण के कलाकारों द्वारा नाटक का मंचन किया जाएगा। नाटक मंडली में कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार, संजय साहनी, सांतनु चक्रवर्ती, सुमन शेखर, प्रिंस राज, पवन कुमार यादव, गंगा पंडित व चंदन कुमार शामिल हैं। जो अपने विभिन्न पात्रों के माध्यम से लोगों तक जागरूकता संदेश पहुंचा रहे हैं।
वीडीसीओ विपिन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया को जड़ से मिटाने में एमडीए अभियान काफी कारगर साबित होता है। क्योंकि लगातार पांच साल तक वर्ष में एक बार इन दवाओं का सेवन करने से लोगों को फाइलेरिया की चपेट में आने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाती है। वही जिलेवासियों के सहूलियत के लिए अभियान के पहले तीन दिनों में बूथ लगा कर लोगों को दवाएं खिलाई जाएगी। जिसके बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर- घर जाकर लोगों को अपने समक्ष दवाओं का सेवन कराएंगी।