गोपालगंज: एनिमिया पर वार, जागरूकता के लिए किशोरियों ने बनायी ग्रुप, नाम रखा “सफलता”
गोपालगंज: एनिमिया एक गंभीर बीमारी है। खून की कमी से किशोरी और महिलाएं एनिमिया जैसी बीमारी की चपेट में आती है। इसके प्रति जागरूकता को लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। गोपालगंज जिले में एनिमिया मुक्त भारत अभियान के तहत विशेष पहल की जा रही है। गोपालगंज जिला अंतर्गत, हथुआ प्रखण्ड के सिमराव गाँव के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में अलकेम फाउंडेशन, अनिमिया मुक्त अभियान एवं, बिहार वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएसन के तत्वधान में किशोर एवं किशोरियो को एनिमिया के प्रति जागरूकत किया गया तथा एनिमिया से बचाव के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। बीभीएचए के प्रखंड समन्वयक धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि हथुआ प्रखण्ड के दस पंचायत एवं 30 गाँव में एनिमिया मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ हीं कुपोषित बच्चों की पहचान कर लाइन लिस्टिंग तैयारी की जा रही है। अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजा जाता है। उन्होने बताया कि एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी होना. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया की समस्या अधिक नजर आती है। शरीर में खून की कमी होने से आपको ना सिर्फ थकान महसूस होगा, बल्कि कई अन्य समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं।
कम्यूनिटी फैसलिटेटर शोभा कुमारी ने बताया कि किशोरी बालिका आगे चलकर मां बनती है। इसलिए किशोरियों के समुचित पोषण पर ध्यान देना आवश्यक है। घर में उपलब्ध हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग कर किशोरियों को एनीमिया के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। दूध से बनी चीजें जैसे दही एवं पनीर से भी समुचित पोषण प्राप्त किया जा सकता है। मौसमी फलों के सेवन भी पोषण एवं एनीमिया प्रबंधन में प्रभावी होता है। किशोरियों में आयरन की कमी से उनके कार्य करने कि क्षमता में कमी,पढाई में ध्यान कि कमी,भूख में कमी,विकास में बाधा,प्रतिरक्षण शक्ति में कमी के अलावा प्रसव के दौरान जटिलताएं बढ़ जाती है। एनिमिया से बचाव के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में दवा उपलब्ध है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी आयरन की गोली का वितरण किया जाता है।
प्रखंड समन्वयक धमेंद्र कुमार ने बताया कि एनिमिया मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए किशोर एवं किशोरियो का ग्रुप बनया गया। इस ग्रुप का नाम सफलता रखा गया है। जिसमे सचिव सधाना कुमारी, अध्यक्ष स्वेता कुमारी और कोष अध्यक्ष रोहित कुमार को बनया गया है। जिसमे अपने परिवार और समुदाय के लोगों को एनिमिया के बारे में बता सके। खुद एनमिक होने से बच सके। रक्तअल्पता प एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। सभी जरुरी कदम राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाये जा रहे हैं। किशोरियों में एनीमिया के लक्षण आगे चलकर पूरे गर्भकाल एवं प्रसव के दौरान कई जटिलताएं पैदा कर सकते हैं। नवजात शिशु को विकट स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।