गोपालगंज: चिउटाहा तटबंध में डाली जा रही गीली मिट्टी, ग्रामीणों का कार्य में अनियमितता का आरोप
गोपालगंज में पिछले वर्ष बाढ़ की त्रासदी बीतने के बाद तटबंधों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। लेकिन तटबंध निर्माण से ग्रामीणों में असंतोष देखा जा रहा है। बैकुंठपुर प्रखंड में पिछले वर्ष जमीदारी बांध, सारण मुख्य तटबंध तथा सारण रिटायर्ड बांध 8 जगहों पर टूट गए थे। कृतपुरा, सोनवलिया ब्रह्मस्थान तथा चिउटाहा में हेमंत कंस्ट्रक्शन कंपनी को सारण मुख्य तटबंध निर्माण करने की जिम्मेदारी बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा सौंपी गई है। चिउटाहां गांव के समीप बन रहे तटबंध में गीली मिट्टी डाली जा रही है। कई जगहों पर बालू युक्त मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है।
ग्रामीणों का मानना है कि गीली मिट्टी और बालू से तटबंध भराई की वजह से बांध कमजोर हो सकता है। इस वर्ष फिर उन्हें बाढ़ की विभीषिका से जूझना पड़ सकता है। स्थानीय ग्रामीण कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कार्य में अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल तटबंध निर्माण का निरीक्षण कर संबंधित कंपनी को आवश्यक निर्देश देने की आवश्यकता जताई है। कई जगहों पर तटबंध निर्माण घटिया होने को लेकर ग्रामीण आंदोलन का भी मूड बना रहे हैं।