गोपालगंज: भ्रांतियों से रहे दूर, डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर के मरीज भी लगवा सकते कोविड टीका
गोपालगंज: कोविड वैक्सीन का टीका लगने के बाद कोरोना की महामारी से बचने की आस हर किसी में है लेकिन कोविड वैक्सीनेशन किसे कराना है किसे नहीं इसको लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया है कि यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है तो वह भी कोरोना का टीका लगवा सकता है। इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाएगा। सिविल सर्जन ने कहा कि जो कोरोना संक्रमित रह चुके हैं उन्हें भी कोविड टीकाकरण कराना चाहिए। उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चिह्नित किया गया है। इन्हें तीन समूहों में बांटा गया है- पहले समूह में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं, दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति और जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं। इसके बाद अन्य आम लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी ।
सिविल सर्जन ने बताया कि कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। जिले में अब तक किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण के बाद कोई साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिला है। उन्होंने बताया कोविड-19 का टीका गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को नहीं दिया जाएगा। वैक्सीन की प्रभावशीलता 80 से 90% है। वैक्सीन बेहद कारगर एवं पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही वैक्सीनेशन शुरू शुरु किया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर में नगर निगम के कर्मचारी, पंचायती राज विभाग के कर्मचारी, पुलिस कर्मी, व सरकारी विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान में फ्रंटलाइन वर्कर्स में उन लोगों को शामिल किया गया है जो कोरोना संक्रमितों के इलाज, नियंत्रण तथा प्रतिरक्षण में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीम तैनात की गयी है। इसके बाद तीसरे चरण में आम लोगों को स्वेच्छा के आधार पर टीका दिया जायेगा।
जिन स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड टीके का पहला डोज लगा है, उन सभी कर्मियों को 28 दिनों के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। पहला डोज लेने वाले हेल्थ केयर वर्करों का फॉलोअप किया जा रहा है और इसके साथ ही उन्हें प्रेरित किया जा रहा है कि कोविड-19 लेने के बाद भी कोविड-19 अनुरूप व्यवहारों का पालन करना आवश्यक है। इसलिए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की धुलाई जैसे नियमों का पालन करते रहना आवश्यक है। शुरू में लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर जो भय था वह अब खत्म हो गया है। लोग उत्साह के साथ टीकाकरण स्थल पर पहुंचकर अपना टीकाकरण करा रहे हैं।