गोपालगंज: कटेया के पटखौली पंचायत का अमही और डुमरिया गांव आज भी विकास से है कोसो दूर
गोपालगंज: देश में तरक्की तेजी से हो रहा है। यहाँ बिहार के गांव में अब हाई टेक हो रहे है। लेकिन कटेया प्रखंड के पटखौली पंचायत का अमही और डुमरिया गांव आज भी विकास की रौशनी से कोसो दूर है।
गोपालगंज के सबसे सुदूर कटेया प्रखंड के पटखौली पंचायत का अमही गांव में जाने वाली एक मात्र सडक पगडंडियो से चलकर गांव तक पहुचता है। लेकिन निजी खेतो से होकर गुजरने वाली इस पगडण्डी पर बरसात के दिनों में चलना दूभर हो जाता है। जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने श्रमदान और चंदे के पैसे से पगडण्डी वाली सडको पर मिटटी भराई काम किया और और इसे चार पहिया वाहनों के चलने लायक बनाया। ग्रामीणों ने अपने गांव को विकसित करने के लिए पंचायत सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगायी। लेकिन बार बार गुहार के बावजूद इस गांव में विकास की रौशनी नहीं पहुच पायी। पटखौली पंचायत के अमही गांव की तरह ही इसी गांव से सटा है डुमरिया गांव भी है। जहा मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना भी साल भर पहले शुरू किया। लेकिन वह भी सिर्फ कागजो पर ही पूरा हुआ है।
डुमरिया गांव के लोगो के मुताबिक आसपास के गांवो में घर घर पानी पहुचाने के लिए नल लगाया गया है। लेकिन उनके घरो तक पानी अभी तक नहीं पंहुचा। इस गांव की सड़के पक्की जरुर हुई है। लेकिन गांव में झोपड़पट्टी और गांव की गालिओ के किनारे ख़राब पानी के नल इस गांव की विकास योजनाओ के बानगी पेश कर रहे है।
इस मामले में जब पंचायत के मुखिया सुरेन्द्र राय से बात की गयी तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।