गोपालगंज: नितीश कुमार ने साइकिल से ही नाप दि जयपुर से गोपालगंज की दुरी, अभी जाना है मधुबनी
गोपालगंज: कोरोना काल में संघर्ष की कई कहानियाँ सामने आ रही है। एक और कहानी 12 वर्षीय नीतीश कुमार की है। नीतीश अपनी पढाई के साथ कमाई करने की नियत से राजस्थान के जयपुर में गया हुआ था। वहा उसने होटल में काम शुरू किया और काम के दौरान ही वह पढाई भी करता रहा। लेकिन देश में अचानक कोरोना को लेकर लॉक डाउन की घोषणा कर दी गयी। घोषणा के बाद नीतीश भी बेरोजगार हो गया था। जिस होटल में वह काम करता था वह होटल बंद हो गया। उसके पास थोड़े बहुत पैसे बचे हुए थे। लेकिन वह भी धीरे धीरे ख़त्म होने लगे थे। लिहाजा 12 वर्षीय नीतीश कुमार भी अपने अन्य साथियो के साथ साइकिल से ही अपने घर मधुबनी के लिए चल दिए।
मौसम अब धीरे धीरे गर्म होने लगा है। तीखी धुप से लोगो को डिहाइड्रेशन की शिकायत आ रही है। लेकिन भीषण गर्मी की परवाह किये बिना ही मासूम नीतीश अपने साइकिल से घर की तरफ जा रहा है। वह आज यूपी की सीमा से होते हुए गोपालगंज के जलालपुर चेकपोस्ट पर पंहुचा है। यहाँ उसका स्क्रीनिंग किया गया। स्क्रीनिंग कराने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराया गया और फिर अपने साइकिल से ही अपने घर की तरफ बढ़ गया।
नीतीश कुमार के मुताबिक वह चार दिन पहले साइकिल से जयपुर से चला था। रास्ते में उसे ट्रक भी मिला। उस ट्रक पर उसने लिफ्ट लिया। किराया चुकाकर उसने यहाँ तक का सफ़र तय किया। रास्ते में उसका साइकिल कई बार पंचर हुआ। वह खुद पंचर बनाता उसमे हवा भरता और फिर निकल पड़ता। वह जयपुर में होटल में काम करता था, होटल बंद हो गए थे। जिसके बाद वह अपने घर के लिए वापस लौट रहा है।
नीतीश छठी क्लास में पढता है। वहा वह पढाई के साथ ही होटल में नौकरी करता था। लेकिन अब सबकुछ खत्म हो गया है। वह अपने गाँव के जाकर वही काम करेगा।
नीतीश के साथ कई बड़े लोग भी साइकिल से जयपुर से बिहार के कई अन्य जिलो में जा रहे है। कृष्ण कुमार ने बताया की वह भी जयपुर से साइकिल से चला है। उसे दरभंगा जिला जाना है। उनके पास जो पैसे बचे थे। वह रास्ते में खाने में खर्च हो गए। अभी थोड़े पैसे और बचे हुए है। लेकिन गोपालगंज से दरभंगा जाने के दौरान वह भी ख़त्म हो जायेगा। इस टीम में कुल 9 लोग शामिल है। जो जयपुर से अपने अपने गांव वापस लौट रहे है।