गोपालगंज: गर्भावस्था पूर्व से लेकर प्रसव के बाद तक बेहतर देखभाल से नवजात मृत्यु दर में कमी संभव
गोपालगंज: नवजात को स्वस्थ जीवन प्रदान करने में चिकित्सकीय सेवाओं के साथ परिवार एवं समुदाय की भी भूमिका अहम् होती है। नवजात के बेहतर स्वास्थ्य में माता का भी स्वास्थ्य जुड़ा होता है। इसलिए गर्भावस्था से पूर्व भी माताओं को अपने बेहतर स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत होती है। इसमें माता एवं नवजात के स्वास्थ्य को लेकर व्यवहार परिवर्तन भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। लेंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्भावस्था के पूर्व से लेकर प्रसव के बाद तक जरुरी देखभाल के सभी मानकों को 99% अनुकरण करने से शिशु मृत्यु दर में 63% एवं नवजात मृत्यु दर में 55% तक की कमी लायी जा सकती है।
राज्य बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीपी राय ने बताया नवजात का स्वास्थ्य माता के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इसलिए माता को गर्भधारण करने से पूर्व ही अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत होना चाहिए। महिलाओं में प्रत्येक माह माहवारी होने से शरीर में खून की कमी होने का ख़तरा बना रहता है। इसके लिए गर्भावस्था से पूर्व आयरन युक्त आहार के साथ आयरन फ़ोलिक एसिड की गोली का सेवन भी जरुरी होता है। गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जाँच एवं टेटनस का टीका सुरक्षित प्रसव के लिए जरुरी होता है। इसके अलावा प्रसव के बाद भी नवजात को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। जिसमें 1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत, 6 माह तक केवल स्तनपान, कंगारू मदर केयर एवं निमोनिया का प्रबंधन मुख्य रूप से नवजात के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरुरी होता है।