गोपालगंज में कुचायकोट स्थिति सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की हुई बैठक
गोपालगंज: सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक गन्ना के साथ अन्य पौधों में लगने वाले रोगों का अध्ययन करें। ताकि पौधों को रोग से बचाने के लिए बेहतर व्यवस्था प्रारंभ की जा सके। उक्त बातें पूसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ एम एस कुंडू ने कुचायकोट के सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को आयोजित वैज्ञानिक सलाहकार समिति के एक दिवसीय बैठक में दिया। उन्होंने केंद्र में कुछ नए प्रयोग करने के लिए भी सुझाव दिया। वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक को दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ की गई।
बैठक मे सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी सह वरीय वैज्ञानिक डॉ आरके राय ने विगत वर्ष में हुए कार्यों का लेखा-जोखा समिति की बैठक में प्रस्तुत की। गन्ना प्रभेद 238 में लालल रोग को ऊंची व मध्यान नीचे जमीन में अध्ययन करने व वैज्ञानिकों को शोध करने का निर्देश दिया। सीधी बुआई, धान की खेती में कल्लो की संख्या उपज व उसके उपज के बारे में अध्ययन करने का भी सुझाव दिया गया। किसानों के खेत में चारा हेतु आईजी एमआर 6 नेपियर ग्रास लगाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने की भी बात सलाहकार समिति में उठाई गई। बैठक में उपस्थित चीनी मिलों के कर्मियों ने गन्ना के उच्च प्रजाति लगाने के लिए किसानों को जागृत करने के लिए सुझाव दिया। समिति की बैठक में मशरूम की खेती करने वाली कृषक रेखा कुमारी की सफलता की कहानी को गजट में लेने की बात कही गई। ऐसे किसानों को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रोत्साहित करने का भी सुझाव लिया दिया गया। बैठक में मौजूद नाबार्ड के एजीएम ने कृषि विज्ञान केंद्र को जीएलजी ग्रुप बनाने का आग्रह किया। बैठक में मिले सुझावों को प्रसार शिक्षा निदेशक डॉक्टर एम एस कुंडू ने सभी सुझावों पर कार्य करने की सहमति जताई।
बैठक में डॉ आरके वाई, डॉक्टर नवीन कुमार, डॉक्टर मोहम्मद साजिद हुसैन डॉ अमित कुमार डॉ अनीता गौतम डॉ संजीव कुमार डॉ रविकांत कुमार डॉ पंकज राय डा पवन कुमार संजय कुमार विष्णु शुगर मिल के आरके झा मनोज पांडे मनोज तिवारी सुनील कुमार उमेश यादव मधु देवी रेखा कुमारी सदानंद पाठक सुनील तिवारी सहित तमाम किसान व विभिन्न विभागों के कर्मी मौजूद थे।