पंजाब के जलियांवाला बाग के शहीदों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैसाखी के मौके पर पूरे देश को बधाई दी है। इसके साथ ही पीएम ने जलियांवाला बाग कांड में शहीद हुए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर शहीदों को याद किया और लिखा कि शहीदों की कुर्बानी को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
आज ही घटी थी घटना
आपको बता दें कि आज ही के दिन 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटेन के ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैसाखी के मौके पर इकट्ठे हजारों निहत्थे मासूम भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं। इस गोलीबारी में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। जलियांवाल बाग में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे, और वहां से बाहर निकलने के लिए मात्र एक ही गेट था या दो-तीन छोटी गलियां थी। लेकिन अंग्रेजों ने लोगों को चारों ओर से घेर कर फायरिंग शुरू कर दी थी।
10 मिनट लगातार चली गोलियां
एक अनुमान के मुताबिक तब भारतीयों पर 10 मिनट तक लगातार लगभग 1600 राउंड फायरिंग की गई थी। इस घटना में लगभग 1000-2000 भारतीय लोगों की मौत हो गई थी। कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए वहां पर मौजूद कुएं में छलांग लगा दी थी। हालांकि इसके बाद भी डायर को कोई अफसोस नहीं था। उसने कहा था कि अगर उस समय और गोलियां होती तो लगातार चलाते और सभी लोगों को मारते।
अंग्रजों ने कराई थी जांच
घटना के बाद अक्टूबर 1919 में ब्रिटिश सरकार ने इस घटना की जांच के लिए हंटर कमेटी बनाई थी। हंटर कमेटी की सुनवाई के दौरान 19 नवंबर 1919 को लाहौर में सुनवाई के दौरान डायर ने सर चिमनलाल सीतलवाड़ के सवालों का जवाब दिए जो चौंकाने वाले थे। सर चिमनलाल सीतलवाड़ ने अपनी आत्मकथा रिकलेक्शनंस एंड रिफ्लेक्शंस में डायर ने उनके सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जलियांवाला बाग(Jallianwalan Bagh) में हथियारबंद गाड़ियां ना पहुंच पाने से वो मासूमों पर मशीनगन से गोलीबारी नहीं करवा पाया था अगर मशीनगन पहुंचती तो शायद हाल इससे भी ज्यादा बुरा होता।