नहाय खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व छठ का अनुष्ठान
लोक आस्था और सूर्योपासना के महापर्व छठ की शुरूआत शुक्रवार से शुरू हुई. चार दिवसीय अनुष्ठान के तहत शुक्रवार को नहाय-खाय है.
छठव्रती सुबह से ही गंगा स्नान करने के बाद अपने घरों और गंगा घाटों पर प्रसाद बनाते दिखे. नहाय खाय के दिन दाल-चावल के अलावा कद्दू की सब्जी को प्रसाद के रूप में लोग ग्रहण करते हैं.
शनिवार यानी पांच नवंबर को खरना होगा जिसमें व्रती गुड़, चावल और दूध से खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे.
रविवार यानि छह नवंबर को भगवान भास्कर को व्रती पहला अर्घ्य देंगे. छठ के व्रत में खरना करने के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं. इस महापर्व में साफ-सफाई और शुद्दता का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है.
उदया तिथि रहने से रविवार को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य सोमवार को सुबह छह बजे से दिया जाना है. ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य की आराधना करने से आरोग्य और धन-धान्य की वृद्धि होती है. भगवान सूर्य जीवों के प्रत्यक्ष देवता हैं और आरोग्य और संतान प्राप्ति के लिए सूर्य की उपासना शुभ है.