गोपालगंज जेल में बही आस्था की ब्यार, 14 महिला कैदी करेंगी छठ व्रत
कांच ही बास के बहंगीया, बहंगी लचकत जाये… केलवा जे फरेले घवध से ओह पर सुग्गा मड़राये… जैसे छठ गीत गोपालगंज स्थित चनावे कारा में गूंज रहे हैं. इससे पूरा कारा छठमय हो गया है. लोक आस्था का महान पर्व छठ को श्रद्धालु पूरे जिले में मना रहे हैं. इससे चनावे कारा भी अछूता नहीं है. चनावे कारा में आस्था का यह महान पर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान के लिए तैयारी पूरी हो गयी है.आज कैदियों ने नहाय -खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत की.
चनावे कारा में 14 महिलाएं कैदी छठ पर्व कर रहे हैं. आज अहले सुबह स्नान, ध्यान कर कद्दू, चना दाल और चावल का प्रसाद बना कर ग्रहण किया. चनावे जेल में लगभग 600 कैदी हैं, इसमें लगभग 25 महिला कैदी हैं. इनमें से 14 महिलाएं छठ का व्रत कर रहीं हैं. इन महिला कैदियों के लिए छठ में शुद्धता काफी मायने रखती है, जिसके लिए चनावे जेल प्रशासन भी काफी गंभीर है.
चनावे जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया की छठ व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसको लेकर हमने खास व्यवस्था की है. नहाय -खाय में जो सामग्री लगती है, उसे उपलब्ध करा दिया है. जेल में कैदि व्रतियों के बीच घी, दूध, चावल, गुड़ व आटा उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही तीसरे दिन के अनुष्ठान भगवान भास्कर को अर्घ देने के लिए जेल के अंदर तालाब को साफ-सफाई करायी गयी है.जहां व्रती तीसरे दिन व चौथे दिन भगवान भास्कर को अर्घ देंगे.