गोपालगंज समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी ने खुद दवा खा कर एमडीए अभियान का किया शुभारंभ
गोपालगंज: सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत लक्षित समूह को शत प्रतिशत दवा का सेवन कराया जाएगा। उक्त बातें समाहरणालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के एमडीए अभियान के शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर और खुद दवा का सेवन करने के बाद उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने कही।
जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान खाली पेट दवा नहीं खानी है। क्योंकि दवा खाने से किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती हैं। हालांकि दवा सेवन के बाद कुछ लोगों को इसका साइड इफेक्ट्स हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया की परजीवी है तो उल्टी, दस्त या चक्कर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं और ना ही किसी के बहकावे में आने की आवश्यकता है। कुछ देर में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। हालांकि इस कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा सहयोगी संस्थान यथा – डब्ल्यूएचओ, पीरामल स्वास्थ्य, पीसीआई इंडिया, सिफार, जीविका, आईसीडीएस, एनसीसी, एनएसएस व अन्य संस्थानों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि, लोगों को सामुदायिक स्तर पर जागरूक किया जा सके। जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में खाना खाने के बाद ही स्कूली बच्चों को दवा खिलाना है। हालांकि अगर किसी को कोई दिक्कत होती है तो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित आरआरटी की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। जिसके द्वारा त्वरित कार्यवाई किया जाना है।
सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जिले में 14 प्रखंडों में कुल 32 लाख 27 हजार 302 जनसंख्या है। जिसके आधार पर 27 लाख 43 हजार 206 लोगों को लक्षित किया गया है। जिनको एमडीए के तहत दवाओं का सेवन कराया जाएगा। हालांकि अभियान के सफल संचालन के लिए 1326 भ्रमणशील टीम का गठन किया गया है। जिनमें आशा कार्यकर्ता, आईसीडीएस की सेविकाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल है। जो 230 पंचायतों सहित नगर पंचायत के 116 वार्ड में जाकर लाभुकों को अपने समक्ष दवाओं का सेवन कराएंगी। इनकी निगरानी के लिए 130 पर्यवेक्षक को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि एमडीए का यह अभियान 17 दिनों तक चलाया जायेगा। जिसमें प्रथम तीन दिन बूथ लगाकर दवाएं खिलाई जाएंगी। वहीं, 14 दिनों तक घर घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने बताया कि जिलेवासियों से अपील की जा रही है कि आप लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करें। ताकि हाथीपांव या हाइड्रोसिल जैसी घातक बीमारी को जड़ से मिटाया जा सकें। लेकिन आप सभी अल्बेंडाजोल की गोली आशा या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही चबाकर खाना है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करनी है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो गोली तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम, डीडीसी अभिषेक रंजन, सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार, एसीएमओ डॉ केके मिश्रा, सीडीओ डॉ अरविंद कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण, डीवीबीडीसी अमित कुमार, वीडीसीओ प्रशांत कुमार और विपिन कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के डीपीओ आनंद कश्यप, सीफार की डीसी रानी कुमारी और नेहा कुमारी, पीसीआई के डीएमसी अलखक्षेंद्र प्रताप सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।