गोपालगंज में आज भी महाभारत काल से जुड़े श्रीराम मंदिरों में होती है श्रीराम व माता जानकी की पूजा
गोपालगंज जिले में लगभग डेढ़ सौ से अधिक भगवान श्री राम और माता जानकी के मंदिर है। जहां रोज चार पहर भोग-राग, पूजा-पाठ किया जाता है। इनमें दो ऐसे मंदिर है जिसका संबंध महाभारत काल से है। यह मंदिर भगवान श्रीराम व माता जानकी का है। यह मंदिर अपनी भव्यता और आरती के लिए संपूर्ण जिले में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से इस मंदिर में जात जडूले उतारने के लिए लोग आते हैं। इन दोनो मंदिरों में भगवान श्रीराम जानकी की अष्टधातु की मूर्ति मौजूद है।
कुचायकोट प्रखंड के पकड़ीहार व कटेया प्रखंड के गौरा स्थित इन दोनों मंदिर के पुजारी संत शिरोमणि बाबा विशंभर दास जी महाराज के अनुसार यह मंदिर लगभग 5136 साल पुराना है। इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से है। इस मंदिर का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। संत शिरोमणि के द्वारा पकड़ीहार मंदिर का जीर्णोद्धार 1970 में कराया गया। वही गौरा स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार 1990 में कराया गया है। गौरा मंदिर 10 बीघा जमीन के बीच स्थित है। भगवान राम के दर्शन के लिए रोज हजारों लोग पहुंचते हैं। वही जमुनहां बाजार में श्री राम जानकी मंदिर स्थित है। जिसका उल्लेख बौद्ध समाज के समय से है।
मंदिर के पुजारी महंत श्री हरि नारायण दास जी महाराज बताते हैं कि यह मंदिर लगभग 536 वर्ष पुराना है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध जब यूपी के कुशीनगर गए थे। तो इस मंदिर में विश्राम किए थे। यही कारण है कि जम्मू ग्राम जिसे जमुनहां कहा जाता है। महंत श्री के द्वारा वर्ष 2013 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। 13 मार्च 2013 को शालिग्राम पत्थर की 13 कीमती मूर्तियों को स्थापित किया गया। इसके पहले इस मंदिर में अष्टधातु की मूर्ति हुआ करती थी। सावन के महीने में इस मंदिर में मेले का आयोजन भी होता है। वही श्री राम जानकी मंदिर भठवां में 260 वर्ष पहले भगवान राम के मंदिर में लोग पूजा अर्चना करते थे। उसे समय मंदिर के पुजारी लक्ष्मण दास के द्वारा पूजा पाठ किया जाता था। कुछ वर्षों बाद मंदिर की स्थिति जीर्णसिर्ण हो गई। इसी वर्ष संत शिरोमणि बाबा विशंभर दास जी महाराज के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जिसमें लगभग 60 लाख रुपए की लागत से भव्य मंदिर बनाया जा रहा है । भगवान राम की पूजा के लिए रोज दर्जनों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।