गोपालगंज: बाबरी मस्जिद को गिराने में बाबा विशंभर दास जी महाराज ने निभाई थी अहम भूमिका
गोपालगंज: बाबरी मस्जिद को गिराने में संत शिरोमणि बाबा विशंभर दास जी महाराज ने अहम भूमिका निभाई थी। कार सेवकों पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़े । पुलिस की बर्वता से तंग आकर बस में आग लगवा दिया था। बाबरी मस्जिद गिराने के बाद उन्होंने पांच ईट भगवान श्रीराम मंदिर के स्थान पर रखा व पांच ईट मणि पर्वत सुग्रीव निवास पर लाकर रखा था। पांच ईट आज भी रखा गया है।
उन्होंने बताया कि 5 दिसम्बर 1992 को विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता, भाजपा के कुछ नेता और इससे जुड़े संगठनों ने अयोध्या में एक रैली का आयोजन किया था। बाबरी मस्जिद के जिस विवादित हिस्से में सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ भजन-कीर्तन की इजाजत दी थी, वहां करीब डेढ़ लाख कारसेवक पहुंच गए थे। 6 दिसम्बर को भीड़ इतनी उग्र हो गई कि सिर्फ 5 घंटे में ही बाबरी का ढांचा गिरा दिया गया। उसी दिन शाम 5 बजकर 5 मिनट तक बाबरी मस्जिद जमींदोज हो गई। इस घटना के बाद पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। हिंसा की कई घटनाएं हुईं थी । हजारों की मौत हो गई। पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। विधानसभा भंग कर दी गई। एक साल बाद 1993 में केंद्र ने अध्यादेश जारी कर विवादित जमीन को अपने नियंत्रण में ले लिया। उन्होंने बताया कि बाबरी विध्वंस के बाद पुलिस के डर से भागना पड़ा था।
उन्होंने बताया कि घटना के दस दिन बाद इसे ढहाने और इसके पीछे कथित षडयंत्र की जांच करने के लिए जस्टिस एमएस लिब्राहन की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया था। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुईं थी। पहली एफआईआर उन कारसेवकों के नाम दर्ज की गईं जिन पर डकैती, चोट पहुंचाने, लूटपाट करने, सार्वजनिक इबादत के स्थान को नुकसान पहुंचाने और धर्म के नाम पर दो समुदाय में दुश्मनी बढ़ाने के आरोप लगे थे। उसमें विशंभर दास जी महाराज का नाम भी शामिल था। उस समय विशंभर दास जी महाराज अयोध्या के मणि पर्वत पर रहते थे।