गोपालगंज: विश्व टीबी दिवस पर चला जागरूकता अभियान, 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य
गोपालगंज: विश्व यक्ष्मा दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सभी पीएचसी, एपीएचसी तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विश्व टीबी दिवस मनाया गया। यक्ष्मा दिवस के उपलक्ष्य में जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर वर्ल्ड टीबी- डे मनाया गया तथा आगामी 21 दिनों ( 24 मार्च से 13 अप्रैल) तक टीबी की जांच व टीबी मरीजों की खोज की जाएगी। टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। यह किसी को भी हो सकता है। शुरुआत में इसके लक्षण भी सामान्य से ही दिखते हैं पर दो हफ्ते खांसी या बुखार हो तो तुरंत ही टीबी की जांच कराएं। टीबी संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद किसी रोगी को घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि, लक्षण दिखते ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए। क्योंकिं यह एक सामान्य सी बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। मरीज को पूरे कोर्स की दवा करनी चाहिए। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए दी जाती है सहायता राशि: सीएस डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने कहा टीबी के मरीजों को इलाज के लिए खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकिं सरकार के द्वारा सहायता राशि दी जाती है। चिह्नित टीबी के मरीजों को उपचार के दौरान उनके बेहतर पोषण के लिए प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाती है।
2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य: भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए ग्रास रूट पर कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं लोगों को भी समेकित रूप से इसकी जागरूकता हेतु प्रयास करना होगा। प्रखंड में समुदाय स्तर तक स्वास्थ्य कर्मी तथा कई सहयोगी संस्थाएं कार्य कर रही और ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार करा रही है। जिससे टीबी पर विजय पाई जा सके।