गोपालगंज

गोपालगंज: महिला शिक्षिका ने मांझा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

गोपालगंज के मांझा प्रखंड के कबिलासपुर प्राथमिक विद्यालय की एक महिला शिक्षिका जो ठंड में सैकड़ों बच्चों को मुफ्त में स्वेटर देती है, जिन बच्चों के पास किताब नहीं है उन्हें किताब, पेंसिल, रबड़ मुहैया कराती है। लेकिन ये सब करना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को रास नहीं आया। महिला शिक्षिका को सम्मानित करने की जगह उनपर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा करवाई कर जाती है। यही नहीं शिक्षिका का आरोप है की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुमारी के द्वारा उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है जिसका उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भी दि है।

महिला शिक्षिका रुही कैशर का आरोप है कि वह समय पर विद्यालय पहुँचती है। उसके बावजूद भी उनकी हाजिरी काट दिया जाती है, जिसकी वजह से मेरे वेतन में कटौती हो जाती है। वही बीमारी के कारण महिला शिक्षिका अगर सिक लीव लेती है तब भी उनको अनुपस्थित कर दिया जाता है। महिला शिक्षिका का यह भी कहना है कि सरकार ने सातवाँ वेतन आयोग लागू किया लेकिन उनके सर्विस पंजी पर इसे चढाने के लिए मांझा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी पुष्प कुमारी के द्वारा 10 हज़ार रूपये की मांग की गई और मेरे नहीं देने के कारण मेरे सर्विस पंजी पर अब तक सातवाँ वेतन आयोग नहीं चढ़ाया गया जिसके कारण मेरी प्रति माह छठे वेतन की ही सैलरी की भुगतान होती है।

महिला शिक्षिका रुही कैशर का कहना है कि मैंने जब इसका विरोध किया तो मेरा पंचायत शिक्षिका होने के बाद मेरा प्रतिनियोजन मेरे विद्यालय से 20 किलोमीटर दूर मांझा प्रखण्ड मुख्यालय में कर दिया गया। जबकि नियमावली में ऐसा नहीं है। वही महिला शिक्षिका का कहना है कि प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया है कि तुम घर पर ही रहो, तुम्हारा बच्चा बीमार रहता है। तुम नौकरी करने नहीं आया करो और मुझे अपने वेतन की आधी वेतन दे दिया करो क्योकि मुझे बेटी की शादी करनी है, मैं सब संभाल लूंगी।

वहीं जब इस मामले पर गोपालगंज शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार शर्मा से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी पर पूर्व में भी कई शिकायतें आई है। इसको लेकर संज्ञान लिया जा रहा है। उनकी पंजी रजिस्टर को मंगा कर जांच किया जाएगा। उन्होंने किस आधार पर शिक्षक का स्थानांतरण किया है और उन पर कार्रवाई करने हेतु विभाग को लिखा जाएगा।

अब सवाल यह है कि गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी जहाँ एक तरफ शिक्षा की अलख जगा रहे हैं और शिक्षकों को बता रहे हैं कि आप अपने छात्रों से बच्चों की तरह व्यवहार करें और शिक्षा में क्रांति लाने की कोशिश करें। वहीं दूसरी तरफ उनके पदाधिकारी बच्चों को अच्छा शिक्षा और उनका ध्यान रखने पर उल्टा उन पर ही कार्रवाई करने पर तुले हुए हैं। अब देखना यह होगा इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन की आंखें खुलती है या नहीं और ऐसे भ्रष्ट अधिकारीयों पर कब कार्रवाई की जाएगी।

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