गोपालगंज: गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु को दी जाने वाली सेवाओं को किया जाएगा प्रदर्शित
गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की तमाम चुनौतियों के बीच अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर रूप से जारी रखने को लेकर विभाग प्रतिबद्ध है । इस दिशा में विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सुरक्षित मातृत्व आश्वासन यानी सुमन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। सुमन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर द्वितीय चरण में बिहार के 62 स्वास्थ्य संस्थानों को सुमन फैसिलिटी के रूप में अधिसूचित किया गया है। जहां आने वाली सभी गर्भवती महिला और नवजात शिशु को सेवाएं निशुल्क प्रदान की जानी है। सर्विस चार्टर के रूप में इन सेवाओं की उपलब्धि संस्थानों के प्रांगण में बोर्ड पर डिस्प्ले किया जाएगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
हथुआ और भोरे अस्पताल को किया गया अधिसूचित: जारी पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के हथुआ के अनुमंडलीय अस्पताल तथा भोरे के रेफरल अस्पताल को अधिसूचित किया गया है। जहां आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु को सुमन कार्यक्रम के तहत बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा । इस स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में सुमन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली सेवाओं की सभी जानकारी बोर्ड पर डिस्प्ले किया जाएगा।
इन सेवाओं के बारे में मिलेगी जानकारी:
- कम से कम चार प्रसव पूर्व जाँच और छः नवजात शिशु आधारित गृह भ्रमण (एचबीएनसी) देखभाल का प्रावधान
- एम.टी.पी. अधिनियम के अनुरूप व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाओं का प्रावधान
- सुरक्षित मातृत्व पुस्तिका तथा मातृ और शिशु संरक्षण कार्ड
- प्रशिक्षित कर्मचारी (मिडवाइफ / एस०बी०ए० प्रशिक्षित) द्वारा प्रसव मातृ जटिलताओं की पहचान करना और प्रबंधन के लिए निःशुल्क सेवा प्रदान करना
- स्तनपान के लिए जल्दी शुरुआत और सहयोग गोपनीयता और गरिमा के साथ सम्मानजनक देखभाल
- गोपनीयता और गरिमा के साथ सम्मानजनक देखभाल
- प्लेसेंटा की डिलीवरी तक / पाँच मिनट से परे विलंबित कॉर्ड क्लैपिंग के लिए चयन
- माँ से शिशु में एच०आई०दी. एच०बी०भी और सिफिलिस के संचारण का उन्मूलन
- जन्म पर दिए जाने वाला टीकाकरण
- बीमार नवजात और शिशुओं का प्रबंधन
- उत्तरदायी कॉल सेंटर हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायतों का समयबद्ध निवारण
- स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों से पंजीकृत जन्म प्रमाण पत्र
गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क एंबुलेंस: घर से स्वास्थ्य केन्द्र तक निःशुल्क परिवहन की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। किसी भी संकटपूर्ण मामले की आपातकालीन स्थिति के एक घंटे के भीतर स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंचने की गुंजाइश के साथ सुनिश्चित रेफरल सेवाएँ। प्रसव के उपरांत (न्यूनतम 48 घंटे के बाद), स्वास्थ्य केन्द्र से घर तक छोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।