गोपालगंज: प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना से स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा व्यापक सुधार
गोपालगंज: आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना के माध्यम से बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार देश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों मे संभव हो पायेगा। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कही। उन्होने कहा प्रधानमंत्री के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करना , बीमारियों की निगरानी और स्वास्थ्य संस्थानों का सुद्धढ़ीकरण करना है। इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए चार स्तरीय रणनीति बनायी गई है। जिसके तहत स्वच्छ भारत अभियान, योग, बच्चों की समय पर देखभाल एवं उपचार सहित बीमारियों की रोकथाम एवं स्वास्थ्य कल्याण को प्रोत्साहित करना है। इस अभियान के माध्यम से देश के वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता और प्रभावी इलाज उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता को बढ़ाना एवं बाधाओं को दूर करने के लिए मिशन मोड पर काम करना आदि भी शामिल किया गया है।
पीएम मोदी ने की योजना की शुरूआत: देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना का शुभारंभ बीते 25 अक्टूबर को किया गया। जिसके माध्यम से देश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार द्वारा 64180 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के माध्यम से देश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान जारी स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक स्तर पर सुधार संभव हो पायेगा।
अतिआधुनिक पारिस्थितिक तंत्र का होगा विकास: सिविल सर्जन डा. योगेंद्र महतो ने कहा कि प्रधामंत्री द्वारा आरंभ किये गये इस योजना का उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक देखभाल वाली स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करने की है। इस अभियान के माध्यम से देश में ही अनुसंधान, परीक्षण एवं उपचार के लिए अतिआधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाएगा। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसके लिए 64,180 करोड़ रूपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। जिसकी अवधि 6 वर्ष निर्धारित की गई है।
एकीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर रहेगा जोर: इस योजना का लक्ष्य 17788 ग्रामीण तथा 11024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों को विकास के लिए समर्थन प्रदान करना तथा सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं 11 राज्यों में 3382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना करना भी है। साथ ही राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) तथा इसकी 5 क्षेत्रीयों शाखाओं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत करना भी है।