गोपालगंज: बैकुंठपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित परिवारों को महीनो बाद भी नहीं मिली बाढ़ सहायता राशि
गोपालगंज में बैकुंठपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित रह चुके परिवारों को तीन महीने बाद भी बाढ़ सहायता राशि नहीं मिल सकी है। यह पहला मौका है जब घरों में चार बार बाढ़ का पानी प्रवेश करने के बाद लोग तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हुए। पहली बार 15 जून को बाढ़ की तबाही का सामना दियारावासियों को करना पड़ा। दूसरी बार एक जुलाई को बाढ़ का पानी इलाके में प्रवेश किया।
अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह तक चार बार बाढ़ की तबाही प्रखंड के 16 गांवों में बरकरार रही। घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच लोग तीन महीने तक तबाही से जूझते रहे। गंडक नदी के गर्भ में बसे फतेहपुर, घोंघराहा, मसूरिया, महारानी, दीलाटोला, पनडूहीं, हथियाही, बहरामपुर, पकहां, शीतलपुर, सलेमपुर, प्यारेपुर, आशा खैरा, बिन टोली गांवों के दो हजार से अधिक परिवार तटबंध पर शरण लेने को मजबूर थे। इनमें डेढ़ सौ परिवार अभी भी तटबंध पर ही शरण ले रहे हैं। ऐसे परिवारों की झोपड़ियां बाढ़ की तेज धार में बह गई है। घर बहने के कारण ऐसे परिवार तटबंध पर ही प्लास्टिक के टेंट में रहने को मजबूर हैं।
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि चार बार आई बाढ़ के दौरान उन्हें प्लास्टिक उपलब्ध कराई गई थी। दो बार कम्युनिटी किचन भी चलाया गया था। लेकिन छह हजार रुपए सहायता राशि के लिए वे आज तक इंतजार कर रहे हैं। सहायता राशि नहीं मिलने के कारण कई बाढ़ पीड़ित परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।