गोपालगंज: गर्भवती महिलाओं एवं दो वर्ष कम से उम्र के बच्चों को छोड़ सभी को खानी है एमडीए की दवा
गोपालगंज में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 20 सितंबर से एमडीए दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इस कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलायी जा रही है। पोलियो अभियान खत्म होने के बाद सोमवार से फिर से अभियान को शुरू कर दिया गया है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एमडीए की दवा खाने के बाद किसी व्यक्ति की अगर तबीयत खराब होती है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। ये लक्षण कुछ समय के बाद स्वयं समाप्त हो जाते है। खाली पेट दवा न खाने को कहें। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों को एमडीए के तहत दवा न दें। फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है।
14 दिनों तक चलेगा अभियान: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि एमडीए अभियान के तहत आशा कर्मियों की दो सदस्यीय टीम बनाई गयी है। आशा कर्मी 14 दिनों तक अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर भ्रमण करते हुए योग्य लोगों को दवा का सेवन करायेंगी। अभियान के पहले छह दिन आशा कर्मी अपने पोषक क्षेत्र के योग्य लोगों को दवा का सेवन करायेंगी। सातवें दिन छूटे हुए घर का भ्रमण करते हुए वंचित लोगों का दवा सेवन कराने का काम करेंगी। आठवें दिन से तेरहवें दिन तक संबंधित दूसरे आशा के पोषक क्षेत्र में लोगों को दवा का सेवन कराया जायेगा। चौदहवें दिन छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराया जाना है।
ऐसे खिलानी है दवा: 2 से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अलबेंडाजोल की एक गोली खिलायी जानी है।
फाइलेरिया क्या है:
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसिल (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल :
- भूखे पेट दवा नहीं खिलाना है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
- गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।
- 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है।
- गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।