गोपालगंज में गंडक नदी की धारा से निकली उप धारा झाड़ी नदी का लगातार हो रहा है अतिक्रमण
गोपालगंज: गंडक नदी की धारा से निकली उप धारा झाड़ी नदी के रूप में तब्दील हो गयी थी। गोपालगंज शहर से होकर सोनपुर में गंगा नदी में मिलने वाली यह नदी सदर अनुमंडल के 5 प्रखंडो के लिए जीवनदायिनी हुआ करती थी। इस नदी से गोपालगंज के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सुख समृद्धि थी। इस नदी सें जरूरत पड़ने पर खेतों में पानी का पटवन होता थ। और यहां की गन्ने की फसल लहलहा उठटी थी।
लेकिन आज गंडक की उप धारा छाड़ी नदी का अस्तित्व अब खतरे में है। छाड़ी नदी का लगातार अतिक्रमण हो रहा है। और अतिक्रमण की वजह से गोपालगंज शहर से होकर गुजरने वाली यह नदी अब गन्दे नाले में तब्दील हो गई है।
कभी कई फीट चौड़ी रही इस नदी को अब पूरी तरह से अतिक्रमण कर संकीर्ण कर दिया गया है। नदी के अधिकतर भाग को अतिक्रमण कर उसपर घर बना दिया गया है। जिसकी वजह से कई जगहों पर नदी में पानी का बहाव थम गया है। नदी का मुहाना भी बंद हो गया है। जिसकी वजह से बारिश होते ही शहर में जलजमाव की स्थिति हो जाती है।
गोपालगंज के स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह राणा के मुताबिक गंडक नदी से यह छाड़ी नदी यादोपुर के हीरापाकड़ गांव से निकलकर गोपालगंज शहर होते हुए मांझागढ़,बरौली से होकर सोनपुर में गंगा नदी में मिलती थी। लेकिन अब इस नदी में अतिक्रमण कर घर का निर्माण किया गया। जल संसाधन विभाग के द्वारा बाढ़ के मद्देनजर स्लूइस गेट को वर्षो पहले बन्द कर दिया। जिसे कभी दोबारा नहीं खोला गया। जिसकी वजह से गंडक का पानी इस नदी में आना बंद हो गया। और नदी नाले में तब्दील हो गयी। नाले में तब्दील होते ही नदी के अधिकतर भाग को अतिक्रमण कर लिया गया है। इस नदी के जीर्णोद्धार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम भी चला गया। तत्कालीन डीएम अरशद अजीज ने इस नदी के जीर्णोद्धार और सफाई को लेकर अभियान भी चलाया। लेकिन डीएम के तबादले के साथी नदी के जीर्णोद्धार का काम भी ठप हो गया। नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। लेकिन अबतक इस नदी का कायाकल्प नही हो सका है।