गोपालगंज के सासामुसा चीनी मिल को चालू करने की मांग को लेकर 7वां दिन भी सत्याग्रह जारी
हादसे के बाद बंद पड़े सासामुसा चीनी मिल को चालू करने की मांग को लेकर किसानों तथा मिल कर्मियों का सत्याग्रह जारी रहा। मंगलवार को सातवें दिन भी किसानों ने मिल गेट पर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। सत्याग्रह आंदोलन को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक अनिल कुमार मांझी ने कहा कि सासामूसा शुगर मिल को बंद रहने से पोषक क्षेत्र के किसानों के गन्ने बेचने की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि मिल चालू नहीं होने से किसानों व मजदूरों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। आंदोलनकारियों ने बताया कि सत्याग्रह आंदोलन के समर्थन में 19 जनवरी को उपवास के साथ एनएच-28 को जाम कर विरोध जताया जाएगा।
आप को बता दे की सासामूसा चीनी मिल मालिक ने सरकार को एक पत्र भेज कर कहा है कि मिल को चालू कराने के लिए तत्काल 25 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। सरकार अब समय से राशि मिल को उपलब्ध कराती है तो मिल को चालू किया जा सकता है।
गौरतलब है की सासमूसा मिल चालू नहीं होने से किसान परेशान हैं। उनके समक्ष अब भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इससे किसान दियारा क्षेत्र में जल जमाव रहने से रबी फसलों की खेती न कर गन्ने की खेती को ही प्रधानता देते हैं। उत्तर बिहार में सबसे अधिक गन्ने की खेती दियारे क्षेत्र में होती है। लेकिन सासामूसा चीनी मिल बंद होने से इन क्षेत्रों के किसानों की परेशानी बढ़ गई है। साथ ही अब इस क्षेत्र के किसानों के समक्ष गन्ने को बेचने की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। अब किसान अपने परिवार के खर्च चलाने व बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए चिंतित हैं।