गोपालगंज: डॉक्टर की गलत रिपोर्ट के कारण जेल में बंद गोली मारने के आरोपियों को मिली जमानत
गोपालगंज में बेख़ौफ़ अपराधियो का तांडव जारी है। इन सबके बीच पुलिस और प्रशासन की लापरवाही की वजह से भी अपराधियो का मनोबल बढ़ने लगता है।
दरअसल यहाँ ड्यूटी पर मौजूद एक चिकित्सक की गलत रिपोर्ट की वजह से पत्रकार को गोली मारने के आरोप में जेल में बंद अपराधियो को कोर्ट जमानत मिल गयी है। जिसकी वजह से अब वही अपराधी जेल से छूटने के बाद दोबारा पीड़ित पत्रकार के ऊपर केस वापस लेने की धमकी दे रहे है। मामला दैनिक अख़बार के पत्रकार से जुड़ा है। जिसे बीते 29 सितम्बर को मोर्निंग वाक के दौरान बाइक सवार अपराधियो ने मांझागढ़ बाजार में सरेआम गोली मार दी थी। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल पत्रकार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा से उसे गोरखपुर और उसके बाद लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया था। पीड़ित पत्रकार का नाम राजन कुमार पाण्डेय है। वे एक दैनिक अख़बार के पत्रकार है।
राजन पाण्डेय बीते 29 सितम्बर 2020 को अपने घर से मांझागढ़ बाजार की तरफ मोर्निंग वाक पर जा रहे थे। तभी बाइक सवार अपराधियो ने उन्हें कई गोली मारी। गोली लगने से राजन पाण्डेय गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा से नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया। फिर चिकित्सको ने उन्हें लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। जहा उन्हें पीठ में लगी गोली को बाहर निकाला जा सका। इस मामले में पत्रकार के बयान पर मांझागढ़ के चार लोगो को नामजद किया गया था। जिसमे पुलिस ने दो अरोपियो को अनुसन्धान के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन बाद में मांझागढ़ डॉक्टर की गलत रिपोर्ट की वजह से गिरफ्तार किये गए दोनों नामजद अरोपियो को कोर्ट से बेल मिल गया।
पीड़ित पत्रकार राजन पाण्डेय के मुताबिक अपराधियो ने उन्हें पीठ में गोली मारी थी। जो गोली सीने में होते हुए लोअर एब्डोमेन से बाहर निकाला गया। लेकिन ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने अपने मेडिकल रिपोर्ट में सीने में गोली मारने की रिपोर्ट दे दी। जिसकी वजह से अरोपियो को कोर्ट से आसानी से बेल मिल गयी। अब पीड़ित पत्रकार गलत रिपोर्ट की वजह से जहा मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर जिला पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट रहे है। वही राजन पाण्डेय ने अपराधियो के ऊपर धमकी देने और केस वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
इस मामले में मांझागढ़ पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी से उनका बयान लेने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वही डीएम अरशद अजीज ने पत्रकार के आवेदन पर मेडिकल बोर्ड का गठन कर दोबारा मेडिकल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।