गोपालगंज: धान की फसल को अपने आगोश में ले चूका है हरदा रोग, पदाधिकारियों ने किया जांच
गोपालगंज: भारतीय कृषि मानसून पर आधारित कृषि कही जाती है। विगत कई वर्षों से किसान कभी ज्यादा बारिश तो कभी बारिश से परेशान हो चुके हैं। इस बार किसानों को खरीफ की फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद थी। लेकिन कटेया प्रखंड क्षेत्र में खरीफ की फसल में फाल्स स्मट रोग जिसे हम हरदा रोग के नाम से भी जानते हैं। धान की फसल को अपने आगोश में ले चुका है। यह रोग प्रखंड क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है। जिससे क्षेत्र के किसान परेशान हो चुके हैं।
समस्या यह है कि धान की बाली निकलने के बाद ही इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। जिससे किसान इस बीमारी को दूर करने में असमर्थ दिख रहे हैं। इस बीमारी के कारण कटेया प्रखंड क्षेत्र के काफी किसानों के फसल बर्बाद हो चुके हैं। जिससे क्षेत्र के किसान हताश नजर आ रहे हैं। इस बीमारी के कारण खरीफ फसल की उत्पादन भी प्रभावित होगी। मृदा जनित रोग होने के कारण इससे अगली फसल भी प्रभावित होने की आशंका किसानों में घर कर चुकी है। वहीं कई किसान खेती में लगी लागत की नहीं निकलने की बात कह रहे हैं।
मंगलवार को कटेया नगर क्षेत्र में खरीफ फसल में लगे हरदा रोड का कृषि पदाधिकारियों द्वारा जांच किया गया। प्रखंड कृषि तकनीकी प्रबंधक धर्मपाल ओझा ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के कुछ इलाकों में फाल्स स्मट से धान की फसल प्रभावित होने की सूचना मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। जांच कर फसल को बचाने के उपाय किसानों को बताएं जाएंगे। विभाग किसानों की हर संभव मदद करेगी। वहीं उन्होंने बताया कि रोग दिखाई देने पर प्रभावित बाली को पॉलिथीन से ढक कर खेत से बाहर निकाल देना चाहिए एवं बाहर उसे जला देना चाहिए या मिट्टी में दबा देना चाहिए। खेत के मेड़ों को साफ रखना चाहिए और अधिक नाइट्रोजन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्रॉपिकॉनाजोल का स्प्रे प्रभावी होता है।