गोपालगंज: कल तक किसान प्याज 10रू किलो बेचने को थे मजबूर, आज 100रु खरीदने को मजबूर
गोपालगंज: कल तक जो अन्नदाता किसान अपनी प्याज की फसल 10 रूपये किलो बेचने को मजबूर थे। जो प्याज की फसल बाजार में नहीं बिक पायी। वह प्याज किसान के घर में ही सड़ गया। लेकिन अब बिडम्बना देखिये उसी अन्नदाता किसान को प्याज की कीमत एक सौ रूपये से ज्यादा चुकाकर खरीदनी पड़ रही है। किसान महंगे दाम पर प्याज और उसके बीज खरीदने को मजबूर है।
गोपालगंज के तिरबिरवा गाँव के किसान मोहम्मद मुन्ना, मोहम्मद मुन्ना समेत कई किसान पिछले कई वर्षो से प्याज और अन्य सब्जिओ का उत्पादन कर रहे है। पिछले साल उन्होंने 5 बीघे में प्याज और अन्य सब्जिओ की खेती की थी। प्याज की फसल का बम्पर पैदावार हुआ था। लेकिन पिछले साल प्याज की लागत ही सिर्फ निकल पाया। उन्हें अपनी फसल की लागत से ज्यादा पैदावार का मुनाफा नहीं मिल पाया।
मोहम्मद मुन्ना के मुताबिक वे तिरबिरवा पंचायत के किसान है। पिछले साल उन्होंने भी अन्य किसानो की तरह प्याज की खेती की थी। प्याज की बम्पर पैदावार भी हुई थी। लेकिन उन्हें महज दस रूपये प्रति किलो की दर से अपनी प्याज बाजार में बेचनी पड़ी। पिछले साल उन्हें प्याज की सही कीमत नहीं मिल पाया। जो प्याज बाजार में नहीं बिक पाया। वह उनके घर में ही सड़ गया। इस साल भी उन्होंने 10 से 20 कट्ठा में प्याज की खेती की है। प्याज की बीज भी उन्हें अच्छे क्वालिटी का नहीं मिला। लेकिन जो बीज बाजार में उपलब्ध था। उसी बीज से उन्होंने प्याज को खेती की है। पिछले साल प्याज का नुकसान हो गया था। लेकिन सरकार के द्वारा उन्हें न तो कोई मुआवजा मिला, न ही फसल की सब्सिडी ही मिली। जबकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में प्याज की उपज थी। लेकिन सरकार के पास उचित भण्डारण नहीं होने की वजह से उनके जैसे किसानो की फसल बर्बाद हो गयी और उसकी सही कीमत उन्हें नहीं मिल पाया। वे एक किसान है। लेकिन उन्हें भी वही प्याज एक सौ रूपये प्रति किलो की दर से खरीदने पड़ रही है। वे महंगे दाम में प्याज खरीदकर खा रहे है। लेकिन सरकार का किसानो का कोई ख्याल नहीं है।
सदर प्रखंड के मोहम्मद मुन्ना कोई अकेले किसान नहीं है। जिनकी प्याज की अच्छी कीमत नहीं मिलने के बावजूद सड़ गयी। बल्कि मडई महतो की प्याज की पैदावार उनके घर में ही बर्बाद हो गयी। उन्होंने भी प्याज की खेती थी। अच्छी पैदावार भी हुई थी। लेकिन उसे औने पौने दाम में बेचकर अपनी लागत निकालना पड़ा। जो प्याज मंडी में नही बिक पाया। वह घर में ही सड़ गया। लेकिन उन्हें अब वही प्याज कई सौ गुना ज्यादा कीमत चुकाकर खरीदनी पड़ रही है। महंगाई के इस ज़माने में प्याज की बढती कीमतों ने उनके घर का बजट बिगाड़ दिया है।