गोपालगंज शहर को रौशन करने के लिए लाखों रूपये खर्च कर लगाया गया हाईमास्ट लाइट सालो से है बंद
गोपालगंज में शहर को रौशन करने के लिए लाखों रूपये खर्च कर जहा हाईमास्ट लाइट लगाया गया था। वही यह हाईमास्ट लाइट लगने के कुछ महीने के अन्दर ही बंद हो गया। शहर रात के अँधेरे में डूब जाता है। जिसकी वजह से अक्सर रात को घर वापस लौटने के दौरान लोगो के साथ लूटपाट की घटना हो जाती है।
गोपालगंज शहर और जिले के कई प्रमुख चौक चौराहों पर तत्कालीन सांसद साधू यादव उर्फ़ अनिरुद्ध प्रसाद यादव के द्वारा आधा दर्जन से ज्यादा हाईमास्ट लाइट गया था। आज से 15 वर्ष पूर्व लगाये गए इस प्रत्येक लाइट की कीमत 15 लाख रूपये से 20 लाख रूपये की थी। शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर ऐसे ही 7 लाइट लगाये गए थे। यानी करीब डेढ़ करोड़ रूपये खर्च कर शहर को रौशन करने की कवायद शुरू की गयी थी।
स्थानीय लोगो के मुताबिक शुरुवात के दिनों में यह लाइट जला भी। जिससे शहर रात के अँधेरे में भी जगमग रहता था। लेकिन यह लाइट महज कुछ दिन ही जल सका। फिर बिजली विभाग के द्वारा कनेक्शन को लेकर उपजे विवाद के बाद लाइट लगने के महज कुछ महीने के बाद ही सभी लाइट बंद कर दिए गए। सभी हाई मास्ट लाइट बजाज कम्पनी के लगाये गए थे। जिसपर 3 साल का गारंटी भी था। लेकिन जलने से पहले ही बंद होने की वजह से सभी लाइट का बिना जले ही गारंटी ख़तम हो गया और आज ये हाई मास्ट लाइट अब सिर्फ शहर की शोभा बढ़ा रहे है।
मौनिया चौक के रहने वाले युवक प्रकाश नारायण सिंह ने बताया की लाइट नहीं जलने से रात के अँधेरे में अक्सर लूटपाट की घटना होती है। अगर यह लाइट दोबारा जल जाये तो अपराध में कुछ अपराध में कमी आ जाएगी।
इस मामले में डीएम अरशद अजीज का कहना है की जो भी लाइट बंद पड़े है। उसे दोबारा चालू करने की कवायद की जा रही है। आंबेडकर चौक एक हाई मास्ट लाइट को दुरुस्त कर दिया गया है। जल्द ही सभी बंद पड़े लाइट को ठीक कर दोबारा जलाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा शहर में करीब 28 सौ अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जा रही है। ताकि शहर रौशन हो सके।
बहरहाल अब देखना है की पहले से लगाये गए लाइट कबतक दोबारा चालू होते है। इसके साथ ही नए लाइट से शहर में कितने दिनों तक रौशनी बरकरार रहेगी। ये देखना बाकि है।