गोपालगंज

गोपालगंज के मीरगंज शहर में थमने का नाम नहीं ले रहा है डेंगू का प्रकोप, डेंगू की चपेट में 300 लोग

गोपालगंज के मीरगंज शहर में जहा डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बावजूद इसके हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर जिला सदर अस्पताल तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई विशेष व्यवस्था नहीं किया गया है। दोनों अस्पतालों में खानापूर्ति के नाम पर डेंगू वार्ड तो बना दिए गए है। लेकिन यहाँ अक्सर ताला ही बंद रहता है।

दरअसल छठ पूजा के दौरान मीरगंज शहर में नगर पंचायत के द्वारा सफाई अभियान चलाया गया था। यहाँ जगह जगह कचरे के अम्बार और जलजमाव से हर तरफ मच्छरों का प्रकोप था। लेकिन छठ पूजा के संपन्न होते ही अकेले मीरगंज शहर में करीब तीन सौ लोग डेंगू की चपेट में आ गए। सभी मरीजों को स्थानीय सरकारी और निजी किलीनिक में भर्ती कराया गया था। जहा से प्लेटलेट्स कम होने की वजह से सभी मरीजों को गोरखपुर और पटना के लिए रेफर कर दिया गया।

गैर सरकारी आंकड़ो के मुताबिक जिले में अबतक डेंगू से 6 मरीजो की मौत हो चुकी है। जबकि तीन सौ से ज्यादा लोग आक्रांत है। जिन्हें गोरखपुर के निजी किलीनिक में भर्ती कराया गया है। यहाँ डेंगू क्ले बढ़ते प्रकोप के बाद नगर पंचायत के द्वारा पुरे शहर में फोगिंग भी की गयी है। लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रहे है।

डेंगू के बढ़ते आंकड़े के बाद डीएम अरशद अजीज ने हथुआ अनुमंडलीय का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान डीएम ने मीरगंज शहर के गन्दगी की सफाई को लेकर भी हथुआ एसडीएम और नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए थे।
डीएम अरशद अजीज ने कहा की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जा रही है। जिले में डेंगू से निबटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और अलग से डेंगू वार्ड का निर्माण कराया गया है। मरीजो के स्वास्थ्य जाँच की भी व्यवस्था की गयी है।

हांलाकि मीरगंज शहर के निजी किलीनिक चलाने वाले डॉ आफताब आलम के मुताबिक उनके क्लिनिक में दो दिनों में अबतक 17 से ज्यादा मरीज भर्ती कराये गए थे। सभी मरीजो को डेंगू की शिकायत थी। सभी मरीजो को गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया है। लोग घबराये नहीं। प्लेटलेट्स कम होने के बाद भी इनका इलाज संभव है। लोग धैर्य बनाकर काम ले।

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