गोपालगंज में एक बार फिर बाढ़ की आशंका मंडराने लगी, जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव का टुटा संपर्क
गोपालगंज में एक बार फिर बाढ़ की आशंका मंडराने लगी है। गंडक के बढ़ते जलस्तर के साथ ही सदर प्रखंड के करीब एक दर्जन गांवो का जिला मुख्यालय से संर्पक टूट गया है। इन गांवो में जाने वाली सड़के पूरी तरह पानी में डूब में गयी है। जिसकी वजह से इस इलाके में नाव ही एकमात्र साधन है। इक्का दुक्का नाव है भी तो वह नाकाम साबित हो रही है। जिसकी वजह से इन नावों पर क्षमता से अधिक सवारी लोगो की मज़बूरी बन गयी है।
गोपालगंज सदर प्रखंड के रामनगर इलाके में पिछले चार दिनों से बाढ़ की पानी से घिरा हुआ है। रामनगर का हाई स्कूल, मिडिल स्कूल, पप्राइमरी स्कूल पहले ही बाढ़ में डूब गया था। अब इस इलाके का खाप, मकसूदपुर, मलाही, ख्वाजेपुर, जगरी टोला सहित करीब एक दर्जन गाँव बाढ़ से घिर गए है। इस इलाके के लोगो की परेशानी बढ़ गयी है। ग्रामीणों की माने तो उनके खाने का अनाज, पिने का पानी, मवेशी सभी पानी में ही है। इस रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लोग पानी में डूबकर जिला मुख्यालय तक पहुच रहे है। जबकि सबसे ज्यादा परेशानी मरीजो के लिए। ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इस इलाके में किसी के बीमार होने के बाद उन्हें सुबह होने तक का इंतजार करना पड़ता है। फिर नाव से या खाट पर लिटाकर अस्पताल लाया जाता है।
मकसूदपुर गाँव के किसान शिवपूजन प्रसाद के मुताबिक वे पिछले चार दिनों से बाढ़ की पानी से घिरे हुए है। माल मवेशी सभी ऐसे ही पानी में डूबे हुए है। खाने का अनाज पानी में डूब गया है। जिला प्रशासन के द्वारा दावा किया गया है की यहाँ नाव की व्यवस्था की गयी है। लेकिन उनके गाँव में कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है। उनके गाँव में अबतक कोई भी सरकारी कर्मी या अधिकारी उनका हाल लेने नहीं आया।
जगरी टोला के रामाशंकर सिंह के मुताबिक बाढ़ से उनकी फसल पानी में डूब गयी है। खाना बनाने और पिने के लिए पानी नहीं है। चार पांच दिन से वे लोग बाढ़ से डूबे हुए है। इस इलाके का डोमाहता, मझारिया, सेमराही जैसे बहुत सारे गाँव पानी से घिरे हुए है। सभी लोग पानी में रहकर अपना दिन काट रहे है।