गोपालगंज: गर्भवती महिलओं में खून की कमी को दूर कर रहा है ‘आयरन सुक्रोज’ योजना हुआ शुरू
गोपालगंज। जिले में अब गर्भवती महिलाओं को आयरन सूक्रोज दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को पूरा करने के लिए नई योजना शुरू किया है। आयरन और कैल्शियम की दवाओं के बाद अब आयरन सुक्रोज इंजेक्शन से गर्भवती महिलाओं में खून की पूर्ति की जा रही है। न्यूनतम लेवल पर खून की मात्रा वाली महिलाओं में इंजेक्शन से खून की शीघ्र पूर्ति होगी। विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में ही महिलाओं को आयरन सूक्रोज इंजेक्शन को एनएस वार्टर में मिलाकर सालाइंस के द्वारा लगाया जाता है।पायलट प्रोजेक्ट के तर्ज पर इस योजना का संचालन किया जा रहा है।
भोरे पीएचएसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. खाबर इमाम ने बताया कि एनिमिया का पहचान हिमोग्लोबीन लेबल जांच करने के बाद उसकी पहचान की जाती है। इसे तीन भागों में बांटा गया है। पहला हिमोग्लोबीन लेबल ज्यादा है तो एनिमिया नहीं है। हिमोग्लोबीन 7 ग्राम से 10 ग्राम होता है उसे मॉडरेट कहते हैं। यदि हिमोग्लोबीन 7 ग्राम से नीचे है तो उसे गंभीर माना जाता है। हिमोग्लोबीन 7 ग्राम से 10 ग्राम के बीच रहता है तो उस महिला को आयरन सूक्रोज का इंजेक्शन दिया जाता है। गर्भधारण के तीन महिने के बाद महिला को आयरन सूक्रोज दिया जाता है।
केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश सिंह ने बताया कि गोपालगंज पहला ऐसा जिला है जहां सभी प्रखंडों में आयरन सूक्रोज दिया जा रहा है। जहां पर गर्भवती महिलाओं को आयरन सूक्रोज इंजेक्शन दिया जा रहा है। गोपालगंज जिले के सभी प्रखंडों भोरे, कुचायकोट, पंचदेवरी, उच्चकागांव, सदर अस्पताल, बैकुंठपुर, कटेया, मांझा, बरौली, हथुआ, थावे, सिधवलिया, विजयीपुर, फुलवरिया में यह योजना चल रही है। अब तक जिले में कुल 365 महिलाओं को आयरन सूक्रोज इंजेक्शन दिया गया है।
इस योजना को सफल बनाने के लिए जिले के सभी अस्पतालों के एएनएम को जिलास्तर पर ट्रेनिंग दिया गया है। जो गर्भवती महिलाओं की जांच करती हैं। जांच के बाद ट्रेंड एएनएम या डॉक्टर के द्वारा हीं आवश्यकता अनुसार आयरन सूक्रोज इंजेक्शन चढ़ाया जाता है। इसे एनएस वार्टर में मिलाकर सालाइंस के द्वारा चढ़ाया जाता है।