गोपालगंज के प्रतिष्ठित ठेकेदार रमाशंकर सिंह हत्याकांड में अभियंता मुरलीधर सिंह की पत्नी भी दोषी
गोपालगंज के प्रतिष्ठित ठेकेदार रमाशंकर सिंह हत्याकांड मामले में ठेकेदार के बेटे ने नगर थाना में मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह, अधीक्षण अभियन्ता जीतेन्द्र प्रसाद सिंह और कार्यपालक अभियंता सत्येन्द्र कुमार के खिलाफ पिता को जिन्दा जलाने की नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है। इस प्राथमिकी में मृतक के बेटे ने चीफ इंजिनियर की पत्नी सहित 4 अन्य अज्ञात लोगों के ऊपर भी पिता को जिन्दा जलाने का आरोप लगाया है। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक चीफ इंजिनियर की पत्नी ने घर के अन्दर से तेल से भरा हुआ गैलन लेकर आई और सभी अभियंताओ की मौजूदगी में चीफ इंजिनियर ने रमाशंकर सिंह की जलाकर हत्या कर दी।
इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने कल देर शाम तक एनएच 28 को जाम कर चीफ इंजिनियर सहित सभी दोषी अभियंताओ की गिरफ़्तारी की मांग करते रहे। जिला प्रशासन के समझाने के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और देर रात शव को पोस्ट मार्टम के लिए सदर अस्पताल में लाया गया। यहाँ लोगों के तनाव और गुस्सा को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस जवानों को लगाया गया था।
इसके साथ डीएम अनिमेष कुमार पराशर, एसपी राशिद जमा सहित कई आला पदाधिकारी रातभर अस्पताल में पोस्ट मार्टम के दौरान मौजूद रहे। मेडिकल बोर्ड में तीन चिकित्सको की टीम के द्वारा शव का पोस्ट मार्टम कराया गया है। मेडिकल बोर्ड अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। इसके साथ ही एफएसएल की टीम भी आज जाँच शुरू करेगी।
डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि जिन लोगों ने जो भी जानकारी दी है। उसके आधार पर पुलिस टीम के द्वारा प्राथमिकी दर्ज जांच कर कारवाई की जाएगी। दोषीओ के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।
एसपी राशिद जमा ने बताया कि कांट्रेक्टर चीफ इंजिनियर के आवास पर जल गए थे। जिससे उनकी मौत हो गयी है। मृतक के बेटे ने लिखित आवेदन दिया है। जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर जाँच शुरू कर दी गयी है। इस मामले की जाँच एफएसएल की टीम, वित्तीय जाँच के लिए फाइनेंसियल टीम मामले की जाँच करेगी। गहराई से जाँच कर हर पहुलओ को खंगाला जायेगा।
वही मृतक ठेकेदार रमाशंकर सिंह के भाई शिवशंकर सिंह की मुख्य अभियंता के द्वारा 60 लाख के भुगतान के बदले 15 लाख की घुस मांग रहे थे। जब उन्होंने घुस नहीं दिया तो उनको घर पर बुलाकर बेरहमी से जलाकर मार डाला गया। इस घटना में कई लोग शामिल है।
बहरहाल बड़ा सवाल है की आखिर बिहार में घुस के लिए क्या लोगों का मनोबल इतना बढ़ गया है की वे इसके लिए किसी हद तक जा सकते है। जाँच के बाद आगे क्या होता है लेकिन लोगों ने दोषी अभियंताओ की सम्पति की जाँच आर्थिक अपराध इकाई से कराने की मांग की है।