गोपालगंज में पत्नी की हत्या के 12 साल बाद पति को फांसी की सजा, भाभी को आजीवन कारावास
गोपालगंज में पत्नी के हत्या के आरोप में जेल की सजा काट रहे पति को फांसी की सजा सुनाई गयी है। वही इसी मामले में मृतका की भाभी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। इसके अलावा 50 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह आदेश गोपालगंज जिला एवं सत्र नयायाधीश शैलेन्द्र कुमार की कोर्ट ने दिया है। मामला 2007 का मांझागढ़ के दुलदुलिया गाँव का है। 23 वर्षीय मृतका का नाम संजीदा खातून है। उसकी हत्या 21 मार्च 2007 को मांझागढ़ के दुलदुलिया गांव की रहने वाली थी।
जानकारी के मुताबिक संजीदा खातून की शादी मांझागढ़ के दुलदुलिया निवासी नसीरुद्दीन अहमद से 2002 में हुई थी। शादी के 5 साल बाद उसके पति नसीरुद्दीन अहमद और भाभी सलमु नेशा के द्वारा खाने में जहर देकर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के बाद शव को गायब कर कब्र में दफ़न कर दिया गया था। इस मामले में मृतका के पिता जब्बर मिया ने थाना में दहेज़ हत्या का केस दर्ज कराया। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मांझागढ़ बीडीओ की मौजूदगी में 31 मार्च 2007 को कब्र से शव को बाहर निकाला गया और उसकी जाँच एफएसएल की टीम मुजफ्फरपुर से करायी गयी। एफएसएल की जाँच में हत्या की वजह सल्फास बताया गया। इस जाँच रिपोर्ट के बाद हत्या के करीब 12 साल बाद डीजे की कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी पति को फांसी और भाभी को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद गिरफ्तार पति और भाभी को जेल भेज दिया गया है।
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