गोपालगंज महिला अल्पवास गृह से लड़कियों भागने के मामला में एसपी के नेतृत्व में एसआईटी का हुआ गठन
गोपालगंज में महिला अल्पवास गृह से दो लडकियो के भागने के मामले को लेकर आज सोमवार को बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने जाँच शुरू कर दी है। आयोग की टीम के दो सदस्य प्रेमा शाह और विजय कुमार रौशन के साथ नोडल पदाधिकारी व डीएसपी हेडकवार्टर सरेया मोहल्ले में पहुचकर महिला अल्पवास गृह का निरिक्षण किया और अल्पवास गृह में रखे गए सभी दस्तावेजो की जांच की।
आयोग के टीम की महिला सदस्या प्रेमा शाह ने बताया की यहाँ सीडब्यूसी के द्वारा चार नाबालिग बच्चियो को रखा गया है। जिसमे दो नाबालिग बच्चिया गर्भवती है। एक बच्ची मानसिक रूप से विकलांग है। जबकि दूसरी बच्ची भी गर्भवती है। जो अपने घरवालो के साथ नहीं रहना चाहती थी। जिसे यहाँ रखा गया है। महिला सदस्या ने बताया की इस महिला अल्पवास गृह में बच्चियो को रखने जैसा माहौल नहीं है। यहाँ जगह का अभाव है और बहुत ही संकीर्ण कमरे में बच्चो को रखा गया है।
वही आयोग के सदस्य विजय कुमार रौशन ने कहा की बीते साल दो बच्चिया यहाँ से गायब हो गयी थी। जिसमे एक बच्ची की उम्र महज 15 साल थी। जबकि दूसरी गायब बच्ची का क्या उम्र है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। यह घोर लापरवाही है। यहाँ से दो लडकियां 06 अक्टूबर 2017 को लापता हो गयी। लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन या महिला अल्पवास गृह प्रबंधन के द्वारा किसी भी वरीय पदाधिकारी को सुचना नहीं दी गयी। यह बड़ा ही गंभीर मामला है। इन सभी मामलो को लेकर जिला प्रशासन के साथ बैठक कर एसआईटी गठन का प्रस्ताव रखा जायेगा। विजय कुमार रौशन ने कहा की यहाँ कुछ न कुछ गड़बड़ी है। तभी तो यह मामला प्रकाश में आया है। यहाँ के कर्मिओ और एनजीओ संचालक ने थाना में न तो प्राथमिकी दर्ज कराया और न ही जिले के डीएम और एसपी को इसकी सुचना दी। इस पूरे मामले की एसआईटी का गठन कर जाँच कराया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए पूर्व में ही महिला विकास निगम को पत्र लिखा जा चूका है। अब महिला विकास निगम इसपर आगे कार्यवाई करेगी।