गोपालगंज के फुलवरिया से पिता के चंगुल से मुक्त कराये गए बच्चो को श्रम अधीक्षक को सौपा गया
गोपालगंज के फुलवरिया में भागवत परसा गाँव से पिता के चंगुल से मुक्त कराये गए दोनों बच्चो को पुलिस ने जिला श्रम अधीक्षक को जहा सौप दिया है. श्रम अधीक्षक को सौपे गए दोनों बच्चो को अल्पवास गृह में भेज दिया गया है. बरामद दोनों बच्चो को लेने के लिए श्रम अधीक्षक फुलवरिया थाना में पहुचे थे.
दरअसल सोमवार को आर्थिक तंगी से जूझ रहे शराबी पिता अपने दो मासूम बच्चे से भीख मंगवाने का का दबाव बना रहा था. जब बच्चो ने भीख मांगने से इंकार किया तो पिता उन्हें ज्निदा मिटटी में दफ़न करने जा रहा था. तभी ग्रामीणों के सहयोग से फुलवरिया पुलिस मासूम दोनों बच्चो को मुक्त करा लिया था. लेकिन आरोपी पिता पुलिस को चंगुल देकर फरार हो गया था.
जानकारी के मुताबिक आरोपी पिता का नाम भृगुन महतो आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. जिसकी वजह से उसकी पत्नी अपने दोनों बच्चो और पति को छोड़कर मायके चली गयी है. जिसके बाद घर का खर्च चलाने में परेशान पिता भृगुन महतो अपने तीन साल के बेटे सनोज कुमार और 4 साल की बेटी निशा कुमारी को जान से मारने के लिए ले जा रहा था. तभी ग्रामीणों के सहयोग से फुलवरिया थानाध्यक्ष प्रेम प्रकाश राय ने बच्चो सकुशल रेस्क्यू कर बचा लिया. लेकिन आरोपी पिता पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. बरामद बच्चो को पुलिस ने श्रम विभाग के माध्यम से बाल संरक्षण अल्पवास से जुड़े एनजीओ को सौप दिया गया है.
श्रम अधीक्षक मनोज कुमार दुबे ने बताया की बाल सरंक्षण इकाई संस्था के सचालक के साथ मौके पर पहुचकर बच्चो को अपने कस्टडी में ले लिया है. वही बाल संरक्षण इकाई के संचालक शारदा नंदन तिवारी ने कहा की यहाँ सबके सहयोग से बच्चो को बाल कल्याण समिति को सौपा जायेगा. वहा बच्चो का सामाजिक अंकेक्षण करवाया जायेगा.