गोपालगंज

गोपालगंज के युवक जावेद ने रोज़ा तोड़कर किया रक्तदान, 8 वर्षीय पुनीत की बचाई जान

आज जब हर तरफ देश को संप्रदायिकता के नाम पर बांटने की राजनीति चल रही है तो हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम ऐसी सच्ची कहानियां लेकर आए जो लोगों को इंसानियत पर एक बार फिर भरोसा करना सिखा सके। ऐसे लोगों के बारे में बताएं जिन्होंने जाती, धर्म या संप्रदाय की रेस में हमेशा इंसानियत को आगे रखा।

ऐसा ही एक उदहारण हैं गोपालगंज के जावेद अंसारी का जिसने रोज़ा तोड़कर एक 8 वर्षीय मासूम की जान ही नहीं बचाई, बल्कि यह भी साबित कर दिया की इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। साथ ही मज़हब के नाम पर इंसान और इंसानियत को बाटने वालों की भी सबक दिया।

गौरतलब है की गोपालगंज जिला के कुचायकोट प्रखंड के टोला सिपाया निवासी भूपेंद्र कुमार का 8 वर्षीय पुत्र थेलेसिमिया से ग्रसित है और इस बच्चे को प्रत्येक महीने दो से तीन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। मंगलवार को हीमोग्लोबिन स्तर कम हो जाने के कारण अचानक पुनीत को ए पॉजिटिव रक्त की जरूरत पड़ी तो पिता भूपेंद्र कुमार सदर अस्पताल पहुँच कर ब्लड के लिए सिविल सर्जन व ब्लड बैंक का चक्कर लगाने लगे। क्योकि इनके परिवार में उक्त रक्त ग्रुप का कोई भी सदस्य नही था ऐसे में जब अस्पताल प्रशासन के तरफ से पुनीत को ब्लड उपलब्ध नही कराया गया तो परिजनों ने शहर की प्रमुख समाज सेवी संस्था डिस्ट्रिक्ट ब्लड डोनर टीम के सदस्य अनवर हुसैन से सम्पर्क किया। जैसे ही ये सूचना टीम के माध्यम से टीम के ए पॉजिटिव रक्त समूह के सदस्य जावेद अंसारी को हुई तो वो तुरन्त ब्लड बैंक पहुँचे। जावेद अंसारी रमज़ान के पाक मौके पर रोज़ा रखे हुए थे और बिना कुछ खाएँ-पीये ही खून देने चले आये थे। पर मसला तब हुआ जब डॉक्टर ने ब्लड लेने से पहले उन्हें पूछा कि उन्होंने कुछ खाया है? पर डॉक्टर ने उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा करने से मना कर दिया। जावेद ने भी इंसानियत को ऊपर रखकर अपना रोज़ा तोड़ा और डॉक्टर द्वारा दिया गया खाना खाकर पुनीत को खून देकर उसका जीवन बचा लिया। जावेद ने कहा कि अगर मेरे रोज़ा तोड़ने से किसी की जान बच रही है तो मै इंसानियत व मानव धर्म ही निभाउंगा।

जावेद के इस छोटे से कदम ने साबित कर दिया कि कुछ चंद लोगों की नफरत हमारे देश में आपसी प्यार और सद्भावना को खत्म नहीं कर सकती। हम जावेद अंसारी की इस सोच को सराहते हैं और उम्मीद करते हैं कि और भी लोग जावेद से प्रेरणा लेंगे।

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