गोपालगंज के बैकुंठपुर प्रखंड में पहले बाढ़ ने रुलाया अब तूफान ने बरपाया कहर
गोपालगंज जिला के बैकुंठपुर प्रखंड में पहले बाढ़ की त्रासदी ने दियारा वासियों को रुलाया। अब प्राकृतिक आपदा ने दाने-दाने को मोहताज कर दिया है। यह हाल है बैकुंठपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्र की।
बैकुंठपुर प्रखंड के पूर्वांचल में शनिवार को ओले के साथ तेज बारिश व आंधी ने फसलों को पूरी तरह रौंद डाला है। चाहे गेहूं की फसल हो या फिर की तरबूज की। फसलें बर्बाद होने से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। खीरा, कंकड़ी, कद्दू, करेला, भिंडी की लतरें बर्बाद हो गई है। गेहूं की फसल खेतों में बर्बाद होने से किसान माथा पीट रहे हैं। मक्के की फसल को भी व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।
बैकुंठपुर प्रखंड के सीरसा-मानपुर, रेवतीथ, गम्हारी, बंधौली-बनौरा, उसरी, बासघाट-मंसूरियां, परसौनी, दिघवा दुबौली उत्तर, दिघवा दुबौली दक्षिण, धर्मबारी, आजवीनगर, चमनपुरा, हकाम, बंगरा, कतालपुर, बखरी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, हमीदपुर, जगदीशपुर, चिउंटाहा तथा खैरा आजम पंचायतों में तबाही का आलम देखा जा सकता है। इन पंचायतों में कृषि विभाग की ओर से फसलों की हुई क्षति का आकलन तथा सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। ओला और तूफान की तबाही खासकर गंडक नदी के तटवर्ती इलाकों में सर्वाधिक असरदार साबित हो रही है। जहां कई घरों के छप्पर तक उड़ गए हैं। फसल में दाने के नाम पर कुछ भी नहीं बच सका है। आम, लीची के अलावे सब्जियां नष्ट होने से किसानों का कलेजा दो-टूक गया है। कई किसानों ने बताया कि यदि उनकी बर्बाद हुई फसलों की भरपाई नहीं हुई तो वे प्रखंड कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन करेंगे।