गोपालगंज में सावन महीने में दो नही बल्कि तीन सांपो के अद्भुत समागम, देखने के लिए उमड़ी भीड़
पौराणिक मान्यताओ में भगवान शंकर और सांप का जुड़ाव हमेशा से गहरा रहा है. तभी तो सावन के महीनो में अक्सर सांपो के जोड़े इस महीने में नृत्य व समागम करते नजर आते रहते है. यदि धार्मिक मान्यताओ को छोड़ सावन के सुहाने मौसम की बात करे तो इस मौसम में जहाँ एक तरफ आसमान में काली घटा छाई हो तो मौसम वैसे ही रूमानी हो जाता है. इस मौसम में इंसान ही नहीं बल्कि वन्य जीव भी प्यार का इजहार करने से पीछे नही हटते. अक्सर आपने सावन के महीनो में दो सांपो के मिलन को देखा होगा या सुना होगा. लेकिन आज हम आपको दो नही बल्कि तीन सांपो के मिलन की कहानी बताने जा रहे है.
जी हां, चौकिये मत-सावन में जहाँ एक तरफ कांवरिये बाबा के दर्शन को करने में जुटे है तो वहीँ गोपालगंज के इन्दरवां बैरम के एक खेत में एक साथ तीन सांप समागम करते नजर आये. इन्हें देखकर ऐसा लगता है की ये भी भोले शिव शंकर के इस महीने में झूमते नजर आ रहे है. इस अद्भुत नजारा को देखकर वहां से गुजर रहे लोगो के पांव स्वतः ही ठिठक जा रहे थे. कई लोगो का मानना है की सावन महीने में यदि आपको सांपो के समागम नजर आये तो वो आपके व आपके परिवार के लिए अत्यंत शुभकारी होता है. सभी लोग झाड़ियो से छिपकर इन सांपो के नृत्य व समागम के नज़ारे का लुत्फ़ उठा रहे थे.
सांप एक ऐसा जीव रहा है जो सदियों से मनुष्य के लिए शोध का विषय रहा है. इनके रहने, भोजन, चलने का तरीका व विष आदि के बारे में तो लोगो को जानकारी मिल जाती है पर सामगम और संतति के बारे में बहुत ही कम लोगो को जानकारी मिल पाती है. अभी भी इसके धार्मिक पहलु अनछुये है जिनके ऊपर कई लोग अपना शोध कर रहे है .