गोपालगंज में भारतीय किसान महासभा व भाकपा-माले ने किसानो की हत्या के खिलाफ निकला मार्च
किसानों की हत्या कराने वाली बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार को बर्खास्त करने सहित किसान हितीय मांगों को लेकर भारतीय किसान महासभा व भाकपा-माले ने राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस के रूप में गुरुवार को शहर में मार्च निकाला। उनकी मांगों में देश के किसानों के सभी सरकारी व महाजनी कर्ज माफ करने, सभी प्रकार के फसलों के लाभकारी समर्थन मूल्य की गारंटी करने सहित सभी किसानों व बटाइदारों की फसल खरीद की गारंटी आदि मांगें शामिल हैं।
प्रतिवाद मार्च के बाद कार्यकर्ताओं ने शहर के मौनिया चौक पर एक सभा को आयोजित की। सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा राज्य परिषद् सदस्य लाल बहादुर सिंह कुशवाहा ने कहा कि लाठी-डंडे व गोली के बल पर किसानों की आवाज को मध्यप्रदेश की बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार दबाना चाहती है। यह सरकार पहले तो किसानों पर किसानों को उकसाने व उपद्रवी होने का आरोप लगाई। लेकिन जब किसानों के संघर्षों की चिनगारी राज्य के अन्य जिलों में फैलने लगी तो शिवराज सरकार पीडि़त परिवार से मिलकर घडिय़ाली आंसू बहाने की नाटक कर रही है। वहीं सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव इन्द्रजीत चौरसिया ने कहा कि कर्ज की बोझ से दबे किसान एक तरफ आत्म हत्या कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ एमपी में फसलों का उचित मूल्य के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को उनकी फसलों का एमपी सरकार उचित समर्थन मूल्य नहीं दे रही है। लेकिन किसानों को मरने पर एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देकर सहानुभूति जताने का नाटक यह सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि इन मुआवजों की राशि से हजारों किसानों की फसलों का उचित समर्थन मूल्य दिया जा सकता था। साथ ही कर्ज माफ भी की जा सकती थी। नेताओं ने किसानों के लागत मूल्य के अलावा 50 प्रतिशत राशि जोड़कर समर्थन मूल्य तय करने की मांग की।
मौके पर जिला कमेटी सदस्य विद्या सिंह, सुबाष पटेल, लालबहादुर सिंह, जितेन्द्र पासवान, अजात शत्रु, जेपी यादव, बड़ा बाबू, राजेश यादव, संदीप, रीना शर्मा, योगेन्द्र शर्मा आदि मौजूद रहे।