गोपालगंज में भी कमलेश तिवारी के बयान पर मचा बवाल !
कमलेश तिवारी पहली बार 1997 में जेल गया. उसने सीतापुर में मुस्लिम भारत छोडो आंदोलन शुरू किया था. जेल से छूटते ही उसने शादी कर ली. और फिर कमलेश हिन्दू महासभा में शामिल हो गया. और यूपी का महासचिव बन गया. अब उसने लखनऊ आना जाना शुरू कर दिया. 2012 में उसने लखनऊ से विधान सभा का चुनाव भी लड़ा. सत्रह सौ वोट मिले।
हिन्दू महासभा के दफ्तर में ही कमलेश तिवारी का परिवार भी रहता है. वैसे तो वो सीतापुर का रहने वाला है. उसके तीन बेटे है और पत्नी किरण भी हिन्दू महासभा के लिए काम करती है. वो महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष है. किरण कहती है यूपी सरकार तो सिर्फ मुसलामानों के लिए ही सोचती है, लेकिन मोदी सरकार से उन्हें उम्मीद है इन्साफ की।
पिछले दो सालों में कमलेश तिवारी कई बार विवादों में रहा और जेल भी जाना पड़ा. इसी साल नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का एलान कर उसने खूब हंगामा मचाया. वो लखनऊ और सीतापुर में ऐसा मंदिर बनवाना चाहता था।
सवाल तो ये भी है कि जब कमलेश तिवारी को जेल भेज दिया गया है. तो फिर वो कौन लोग है मुसलामानों के विरोध और हंगामे को हवा दे रहे हैं. कुछ जगहों पर उग्र भीड़ ने दुसरे समुदाय के घरों और दुकानों में आग भी लगा दी।