गोपालगंज: आशा-एएनएम एवं जीविका दीदीयों को ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करना अनिवार्य
गोपालगंज: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। आमजनों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए विभाग के द्वारा लगातार पहल की जा रही है। जिले में ई-संजीवनी ओ०पी०डी० सेवा का विधिवत शुभारम्भ मुख्यमंत्री के द्वारा 10 अगस्त 2021 को किया गया है। इस सेवा अन्तर्गत जनमानस गूगल प्ले स्टोर से संबंधित एप डाउनलोड कर चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इस सेवा को प्राप्त करने के संबंध में जनमानस के मध्य जागरूकता उत्पन्न किया जाना आवश्यक है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि जिलों में कार्यरत सभी ए०एन०एम०, आशा,आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका, पंचायत के सभी प्रतिनिधियों, सभी जीविका दीदियों एवं सीएचओ के मोबाइल में इस एप को अनिवार्यतः डाउनलोड कराया जाय ताकि इस एप के माध्यम से ये लोग अपने सम्पर्क में आने वाले रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध करा सकें।
एप के माध्यम से रोगियों को दिया जायेगा परामर्श: सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कहा कि सभी प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक को निर्देशित है कि वे अपने प्रखण्ड की आशा के माध्यम से प्रति दिन (मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार) कम-से-कम दस रोगियों को इस एप के माध्यम से परामर्श उपलब्ध कराएं । इसका अनुश्रवण जिला स्तर पर जिला आशा समन्वयक द्वारा किया जायेगा। आशा संसाधन केन्द्र जिलावार सप्ताहवार ई-संजीवनी ओ०पी०डी० अन्तर्गत सम्पन्न चिकित्सकीय परामर्श की संख्या टेलीमेडिसीन कोषांग से प्राप्त कर जिलों की आशा की सहभागिता का अनुश्रवण राज्य स्तर पर किया जायेगा।
अस्पतालों में मरीजों की संख्या को कम करने का प्रयास: तीसरी लहर की तैयारियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ई-संजीवनी ओपीडी शुरू कर दी गई है। इस ओपीडी के माध्यम से मरीज घर बैठे ही मोबाइल एप के माध्यम से संबंधित चिकित्सक से अपने रोग से संबंधित परामर्श ले सकता है। ओपीडी को शुरू करने का उद्देश्य अस्पतालों में मरीजों की संख्या को कम करना है। अस्पताल में मरीज तभी आए जब जरूरी हो अन्यथा ई-संजीवनी की ओपीडी के माध्यम से अपना उपचार कराएं।
क्या है ई-संजीवनी ओपीडी : ई-संजीवनी ओपीडी केंद्र सरकार का प्रमुख टेली मेडिसिन प्लेटफार्म है, जिसे भारत सरकार के तत्वावधान में विकसित किया गया है और यह बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है। यह प्लेटफार्म किसी भी भारतीय नागरिक को मुफ्त परामर्श प्रदान करता है। ई-संजीवनी सेवा के लिये अपने मोबाइल पर ई-संजीवनी एप डाउनललोड करना जरूरी है। जो गूगल प्ले स्टोर के जरिये आसानी से किया जा सकता है। एप डाउनलोड करने के बाद तीन विकल्प दिखेंगे। पहला मरीज का रजिस्ट्रेशन व टोकन, दूसरा मरीजों के लाग इन व तीसरा प्रिसक्रिपशन का विकल्प होगा। रजिस्ट्रेशन व टोकन प्राप्त करने के बाद मोबाइल नंबर डालना होगा। इस पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद आप को एक फार्म भरने के लिये दिया जाएगा। ई-संजीवनी के माध्यम से मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देने के इच्छुक चिकित्सकों को भी अपना पंजीकरण एप पर कराना होगा। पंजीकृत चिकित्सक ही मरीजों को जरूरी सलाह दे सकेंगे।