बिहार शराबबंदी पार्ट-2 : शराबबंदी का नया कानून आज से लागू
हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज से बिहार में नया शराबबंदी कानून लागू हुआ। पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अप्रैल में पूर्ण शराबबंदी की अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था।
रविवार को कैबिनेट की बैठक में बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 को मंजूरी दी गई। बैठक में शामिल मंत्रियों ने बिहार को शराबमुक्त बनाए रखने का संकल्प भी व्यक्त किया। इस कानून में शराबबंदी के उल्लंघन पर कड़े प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक के तत्काल बाद प्रेस से बातचीत में कहा कि शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार सरकार पीछे हटने वाली नहीं है। जो जनचेतना शराबबंदी के मुद्दे पर आई है उसे आगे बढ़ाना हमारा दायित्व है। गांधी जनचेतना के प्रतीक हैं इसलिए गांधी जयंती के दिन बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 प्रभावी हो गया है।
सरकार ने इसे गांधी जयंती के अवसर पर लागू करने का निर्णय लिया था, मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अभी भी भ्रम में हैं, उन्हें अपना भ्रम तोड़ लेना चाहिए।
नए कानून के तहत आप अपने घर या अन्य परिसर में नशे की अनुमति देते हैैं या फिर कोई कहीं नशे के हाल में मदहोश पाया जाता है, किसी जगह पर बैठकर शराब या फिर अन्य मादक द्रव्य का सेवन करता मिलता है तो ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की सजा होगी.
– अगर अपने घर में किसी को शराब पीने की अनुमति दी तो सात साल की कैद व दस लाख तक जुर्माना लग सकता हैं. इसमें एक लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान हैं.
– नशे की स्थिति में उपद्रव करने पर कम से कम दस वर्ष की सजा का प्रावधान हैं. यहीं नहीं इसमें और कठोर सजा का भी प्रावधान हैं. इस मामले में जुर्माना की न्यूनतम राशि एक लाख रुपये होगी और अधिकतम दस लाख.
– अगर कोई उत्पाद पदाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी परेशान करने की नीयत से किसी घर की तलाशी लेता है या फिर किसी को गिरफ्तार करता है तो उसे तीन वर्ष की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना होगा.
– अगर किसी गांव या शहर विशेष में शराबबंदी से संबंधित कानून का उल्लंघन हो रहा है तो डीएम को यह अधिकार होगा कि वह उक्त गांव या शहर विशेष पर सामूहिक जुर्माना लगा सकेंगे.
– अगर घर में शराब मिलता हैं तो यह जानकारी देनी होगी कि घर में शराब कौन लाया? जानकारी नहीं देने पर संबंधित परिसर के मालिक को कम से कम आठ वर्ष की सजा होगी. इसे बढ़ाकर दस वर्षों तक किया जा सकेगा. जुर्माने की राशि बढ़ाकर दस लाख रुपये तक की जा सकेगी.
– अगर कोई व्यक्ति महिलाओं व अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब के अवैध धंधे में लगाने के आरोप में पकड़ा जाएगा तो इस अपराध में उसे कम से कम दस वर्ष की सजा होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है. न्यूनतम एक लाख और अधिकतम दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी उसे देना होगा.