सास के शव को पीठ पर बांधकर मोटरसाइकिल से घर लेकर पहुंचा दामाद
सरकारी वाहन नहीं मिलने से आहत एक दामाद ने अपनी सास के शव को पीठ पर बांधा और बाइक पर लादकर पंद्रह किलोमीटर की दूरी तय कर घर ले गया। अस्पताल से घर तक तकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी तय करना कतई आसान नहीं था, किंतु अस्पतालकर्मियों के संवेदनहीन व्यवहार को देखते हुए उसे ऐसा करना ही उचित लगा।
रविवार शाम को मानवता को शर्मसार करने वाली घटना श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) की है। अधीक्षक डॉ. जीके ठाकुर ने प्रबंधक से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है।
कोई भी चालक नहीं हुआ तैयार
एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में कांटी कस्बा के सुकल साह की पत्नी रामो देवी (65) को शनिवार को भर्ती कराया गया था। डॉ. अकील अहमद मुमताज की यूनिट में उनका इलाज किया गया। वह सांस की बीमारी से ग्रसित थीं। इलाज के क्रम में रविवार को उनकी मौत हो गई।
शव ले जाने के लिए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन वहां निराशा हाथ लगी। उसके बाद परिजनों ने निजी एंबुलेंस चालकों से संपर्क किया। उनलोगों ने कांटी कस्बा जाने के लिए आठ सौ रुपये मांगे। परिजनों ने अपनी गरीबी का हवाला देकर रियायत करने का आग्रह किया, वे पांच सौ तक देने को राजी भी हुए, लेकिन कोई एंबुलेंस चालक जाने को तैयार नहीं हुआ।
अंत में रामो देवी के दामाद रामभरोस साह मोटरसाइकिल से एक अन्य सहयोगी की मदद से शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गए। इससे पहले जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो घटनाक्रम से काफी झल्लाए परिजनों ने किसी से बात करने से मना कर दिया।
कहा-हेल्थ मैनेजर ने
मृतक रामो देवी के किसी परिजन ने शव वाहन के लिए संपर्क नहीं किया, अगर संपर्क किया होता तो निश्चित रूप से शव वाहन उपलब्ध कराया जाता।
– प्रभात कुमार, हेल्थ मैनेजर, एसकेएमसीएच
कहा-अस्पताल अधीक्षक ने
इस घटना की जानकारी नहीं है। जांच का आदेश दिया गया है, जिसकी लापरवाही होगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
– डॉ. जीके ठाकुर, अधीक्षक,एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर
बेशर्मी की भी हद होती है। ऐसे ही जाँच करवाते रहो । जाँच की रिपोर्ट कभी सार्वजनिक किये हो। शर्म करो।