राज्यों में नए एम्स की स्थापना में सुस्ती पर मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लगाया फटकार
मोदी सरकार जहां देश में 10 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) स्थापना करना चाहती है वहीं पहले चरण में चार प्रोजेक्ट पर भी समय से तेज काम शुरू करा पाने में स्वास्थ्य मंत्रालय नाकाम साबित हुआ है। बीते दिनों समीक्षा के दौरान मामला सामने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी नाराजगी जताई तो अब मंत्रालय टेंशन में है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने का निर्देश जारी किया है। कहा है कि यह हमारी सरकार की ड्रीम योजना है। सूत्रों के मुताबिक समीक्षा बैठक में जब पीएम मोदी ने सरकार के इस डीम प्रोजेक्ट के बारे में पूछताछ शुरू की तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी टेंशन में आ गए। मोदी ने दो टूक कहा कि यह ढिलाई कतई बर्दाश्त के बाहर है कि जिन एम्स की स्थापना की घोषणा 2014-15 में कर दी गई उस पर काम अब तक पेंडिंग है। बता दें कि देश में फिलहाल दिल्ली सहित छह एम्स संचालित हैं। केंद्र सरकार सभी राज्यों में उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए और भी एम्स खोलने की कवायद में जुटी है।
मोदी सरकार के एजेंडे में देश में 10 नए एम्स स्थापित कर सफल संचालन शुरू कराना है। इसी सिलसिले में 2014-15 में मोदी सरकार ने चार स्थानों पर नए एम्स खोलने की घोषणा की। ये स्थान रहे आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश। मगर अब तक प्रोजेक्ट में प्रगति सुस्त है। सात अक्टूबर 2015 को केंद्रीय कैबिनेट ने तीन और एम्स मंजूर किया। ये एम्स मंगलगिरी, कानपुर और कल्यानी में प्रस्तावित हुए।
यूपी के गोरखपुर में राज्य सरकार ने एम्स की स्थापना के लिए जमीन तो मुहैया कराया मगर बाद में यह जमीन कानूनी विवाद की भेंट चढ़ गई। फिलहाल मामला कोर्ट में है। उधर बिहार ने अपने यहां एम्स खोलने के लिए जगह प्रस्तावित की है।
सूत्रों के मुताबिक बिहार और तमिलनाडु को छोड़ अन्य संबंधित राज्यों की सरकारों ने जमीन प्रस्तावित कर दी है। तमिलनाडु की राज्य सरकार ने पांच स्थान प्रस्तावित किए। जिनका निरीक्षण हो गया है मगर अब तक स्वास्थ्य मंत्रालय ने फाइनल नहीं किया है। हिमांचलपुर के विलासपुर और पंजाब के बठिंडा में भी जमीन देखी गई है। असम में भी एक एम्स की स्थापना की मांग चल रही है। हेमंत बिस्वा शर्मा के स्तर से राज्य सरकार पैरवी करा रही।