गोपालगंज: राम जन्म की कथा से भाव विभोर हुए श्रोता, कथा सुनने के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
गोपालगंज: पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की। उक्त बातें पंचदेवरी के जमुनहां श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में 24 फरवरी से चल रहे श्री सहस्र चंडी महायज्ञ के पांचवें दिन मानस कोकिला प्रियंका द्विवेदी ने कही।
उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इंकार कर दे लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर उत्पन्न हुए सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और स्वयं भगवान बनने का ढोंग करने लगे, लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की एक झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व धरा से ही समाप्त हो गया। वहीं भोजपुरी कथा सभ्राट पं विरेन्द्र तिवारी ने कहा कि अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक नहीं टिक सकता।
उन्होंने कहा कि ब्राह्माण पूजनीय होता है। ब्राह्माण का कभी उपहास नहीं करना चाहिए। जिसने ब्राह्मण का उपहास किया है उसका सर्वनाश ही हुआ है। उन्होंने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया। चारों ओर मंगल गान होने लगे। राम जन्म की कथा सुन पांडाल में मौजूद महिलाएं अपने स्थान पर खड़े होकर नृत्य करने लगी।
मौके पर समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र मिश्र, मुखिया अशोक गुप्ता, मणि पाण्डेय, रवि रंजन श्रीवास्तव,जयराम गुप्ता, अशोक जायसवाल, नरसिंह कुशवाहा, नंदकिशोर तिवारी , डॉ बाबुलाल सिंह, सुनील गुप्ता, रितेश पाण्डेय, बलिराम सिंह, विवेक तिवारी, निराला बाबा, सुरेन्द्र पाण्डेय, प्रदुम्न मिश्र, राजीव केशरवानी, नीरज जायसवाल, अशोक जायसवाल, संदीप केशरी, बालक मिश्र सहित कथा सुनने के लिए पंडाल में पुरुषों के साथ ही सैकड़ों महिला भक्त भी मौजूद रहीं।