गोपालगंज

गोपालगंज: कुपोषित बच्चों की पहचान कर पुनर्वास केंद्र भेजने वाली आशा कार्यकर्ताओं को मिलेगा प्रोत्साहन राशि

गोपालगंज जिले में चिकित्सकीय जटिलता वाले अतिगंभीर कुपोषित बच्चों केसमुचित प्रबंधन के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन किया जा रहा है। सामुदायिक स्तर पर आंगनवाड़ी सेविका के द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों की स्क्रिनिंग की जानी है तथा आशा द्वारा अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को आरोग्य दिवस पर एएनएम से अथवा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराकर चिकित्सकीय जटिलता वाले कुपोषित बच्चों को सीधे पोषण पुनर्वास केंद्र पर रेफर करने एवं एनआरसी से डिस्चार्ज होने के बाद आशा द्वारा प्रत्येक 15 दिन पर कुल चार बार फॉलोअप के तथा कुपोषण मुक्त की घोषणा होने पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि दिया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। अब आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गयी है।

एनआरसी में रेफर करने पर मिलेगा 100 रूपये: पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि चिकित्सकीय जटिलता वाले अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में रेफर करने पर अब 100 रूपये दिया जायेगा पहले यह राशि 50 रूपये दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर 100 रूपये कर दिया गया है। वहीं एनआरसी से डिस्चार्ज होने पर प्रत्येक 15 दिन पर कुल चार बार फॉलोअप करने पर आशा कार्यकर्ताओं को 125 रूपये दिया जाता था अब 150 रूपये दिया जायेगा। बच्चे को अतिगंभीर कुपोषित की स्थिति से मुक्ति घोषित किये जाने पर 50 रूपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

बच्चों को मिलता है पौष्टिक आहार: कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को आवासीय सुविधा प्रदान किया जाता है। पौष्टिक आहार की व्यवस्था है। 21 दिन तक रखने का प्रावधान है। जब बच्चे के वजन में बढ़ोतरी होना आरंभ होने लगता है तो, उसे 21 दिन के पूर्व ही छोड़ दिया जाता है। बच्चों को एफ-100 मिक्स डाइट की दवा दी जाती है। आहार में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा दिया जाता है। इस वार्ड में एक साथ 20 बच्चों को भर्ती कर उनका प्रॉपर उपचार के साथ पौष्टिक आहार निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र में 0 से लेकर 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को ही भर्ती किया जाता है। जांच के बाद कुपोषित की पहचान की जाती है । सर्वप्रथम बच्चे का हाइट के अनुसार वजन देखा जाता है। दूसरे स्तर पर एमयूएसी जांच में बच्चे के बाजू का माप 11.5 से कम होना तथा बच्चे का इडिमा से ग्रसित होना शामिल है। तीनों स्तरों पर जांच के बाद भर्ती किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!