गोपालगंज: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध, 10 फरवरी से 14 दिन तक चलेगा अभियान
गोपालगंज: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य 2030 से घटाकर 2027 कर दिया गया है। फाइलेरिया अपेक्षित रोगों से बाहर निकलकर सरकार के प्राथमिकता में शामिल होगा गया है। उक्त बातें अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ केके मिश्रा ने जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। उन्होने कहा कि फाइलेरिया के प्रति जन-समुदाय को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। एमडीए अभियान को जन-आंदोलन बनाने की जरूरत है। एमडीएम अभियान तभी सफल होगा जब इसमें समुदाय के सभी लोग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि जिले में 10 से 14 दिनों तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चलेगा। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस दवा को कोई भी नुकसान नहीं होता है । सभी लोग इस दवा का सेवन करें। दवा खाने से फाइलेरिया से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ केके मिश्रा, डीएमओ डॉ. सुषमा शरण , डीपीएम धीरज कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आनंद कश्यप, पीसीआई के आरएमसी बच्चू आलम, सिफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन, डीसी नेहा कुमारी, बीसी शुभ करण समेत अन्य मौजूद थे।
डीएमओ ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।
एसीएमओ ने जिलेवासियों से भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा का सेवन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों के शरीर में भी फाइलेरिया रहती है और 14-14 वर्ष बाद भी इसका असर शुरू होता है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है।
एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।