गोपालगंज: फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के माध्यमों से 31 फाइलेरिया मरीजों का हुआ उपचार
गोपालगंज: फाइलेरिया उन्मूलन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था सीफार के द्वारा गांव स्तर पर फाइलेरिया के मरीजों का नेटवर्क बनाया जा रहा है। नेटवर्क के सदस्यों की हर माह बैठक कर उनके हक और अधिकार के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ उन्हें प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मुगल बिराइचा के फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क तथा सिधवलिया प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर करसघाट नेटवर्क के सदस्यों को चिकत्सकीय परामर्श तथा दवा की सुविधा से जोड़ा गया। बरौली में कुल 18 तथा सिधवलिया में 13 फाइलेरिया रोगी को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। चिकित्सकीय परामर्श लेने के बाद फाइलेरिया मरीज सुदामा मांझी ने बताया कि उन्हें पहले इस बिमारी के बारे में तथा उपचार के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं था। लेकिन नेटवर्क से जुड़ने के बाद उनकी जानकारी और बढ़ी है। बरौली प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकिसा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार पासवान, डॉ. विनोद कुमार,बीएचएम अचल अप्रतिम, नीरू कुमारी बीसीएम ने फाइलेरिया रोगियो को दवा नियमित सलाहनुसार तथा साफ सफाई से रहने की बात कही। सिधवलिया में डॉ. नसीम अहमद एवं बीसीएम अरुण कुमार द्वारा फाइलेरिया रोगियो को सलाह दी गई।
फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी, शुरूआती लक्षण की पहचान से अंकुश लगाना संभव: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने के बाद किसी भी व्यक्ति को काटता है तो उसे संक्रमित कर देता है। इससे या तो व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए।
फाइलेरिया से ग्रसित अंग रखे साफ-सुथरा: सीफार के जिला समन्वयक नेहा कुमारी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए।
ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव
- फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
- पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
- सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं।
- हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं।