गोपालगंज

गोपालगंज: टीबी उन्मूलन के लिए जिले को मिलेगा कांस्य पदक, 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित

गोपालगंज: स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए 2023 सब नेशनल सर्टिफिकेशन के तहत मिलने वाले कांस्य (ब्रॉन्ज मेडल) पदक के लिए जिले के नाम को इस साल भी प्रस्तावित किया है। पिछले साल सारण प्रमंडल के तीनों जिलों का चयन स्वास्थ्य्य विभाग द्वारा किया गया था। 2023 के लिए सीवान, छपरा व गोपालगंज सहित 12 जिलों का चयन ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रति वर्ष टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए जिलों के यक्ष्मा विभाग व राज्य स्वास्थ्य विभाग को पुरस्कृत किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने सारण प्रमंडल के तीनों जिलों सहित 12 जिलों का नाम प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को भेजा है।

टीबी मरीजों का सर्वे करेगी टीम: आईसीएमआर, केंद्र सरकार व राज्य सरकार की टीम के नेतृत्व में जिले के सभी प्रखंडों में टीबी मरीजों के संबंध में सर्वे किया जायेगा। इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्यकर्मियों की टीम बनायी जायेगी। केंद्र सरकार की टीम के निर्देश पर सभी टीम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर 15 दिनों तक लोगों के स्पुटम का सैंपल लेगी।

निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों से निभाएं सच्ची मित्रता: जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एसके झा ने कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं। इसके लिए सरकार “निक्षय मित्र” बनने का मौका दे रही है। अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं। जिला प्रशासन और जिला यक्ष्मा केंद्र ने अपील की है कि निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें। इसके तहत कोई भी सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की मदद कर सकते हैं। पोषण, जांच व रोजगार से जुड़ी मदद कर टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं।

2025 टीबी तक टीबी मुक्त भारत का सपना होगा साकार: सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने बताया कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमीं और वजन कम होना आदि लक्षण अगर किसी में है तो कैम्प में जाकर टीबी की जांच करा सकते हैं । अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें। इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

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