गोपालगंज

गोपालगंज: रहें सतर्क, 5000 रुपये में अंक बढ़ाने का ले रहे हैं ठेका, खुद को बताते हैं बिहार बोर्ड का स्टाफ

गोपालगंज: हेलो… मैं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के डाटा सेक्शन से बोल रहा हूं। कहना यह चाहते हैं कि आपका नाम रघुवेन्द्र हैं ना। आपके पिता का नाम योगी पासवान है। कहना यह चाह रहे हैं कि आप डीएलएड के लिए परीक्षा दिए हैं ना…। आपकी कॉपी चेक होकर हमारे पास इंटरनेट पर रिजल्ट चढ़ाने के लिए आया है। आपका विषय एस 1 से एस 9 तक यानि 9 विषय के लिए आपने परीक्षा दी थी। इसमें हम देख रहे हैं कि 600 अंक आपका आया है जबकि 1000 अंक के लिए परीक्षा हुई थी। 600 अंक से काम नहीं चलने वाला है। कम से कम 800 अंक आना चाहिए तभी डीएलएड करने का कोई फायदा होगा। अगर आप नंबर बढ़ाना चाहते हैं तो खर्च देना पड़ेगा। 100 अंक के लिए पांच हजार रुपये लगेगा। एकाउंट नंबर आपको यहां से भेज दिया जाएगा…।

डीएलएड की परीक्षा देने वाले रघुवेन्द्र के पास यह कॉल शनिवार को बोर्ड के कथित कर्मी ने किया और ये सारी बातें कहीं। रघुवेन्द्र के यह कहने पर कि यह सब फ्रॉड है तो कथित कर्मी का जवाब कि ठीक है रिजल्ट आएगा, तब देख लेना और फिर पता चलेगा कि फ्रॉड है या सही। पांच हजार रुपये में 100 अंक बढेगा। डीएलएड के कई परीक्षार्थियों को बोर्ड ऑफिस के कथित कर्मी इसी तरह कॉल कर रहे हैं। नाम, रोल नंबर के साथ उत्तरपुस्तिका में प्राप्त अंक भी बता रहे हैं। अंक बढ़ाने का भरोसा दिला रुपये की डिमांड कर रहे हैं। जिले में अब तक दर्जनों परीक्षार्थियों के पास ऐसी कॉल आयी है।

जुलाई में डीएलएड के दो सत्र की परीक्षा हुई थी। सत्र 20-22 और 21-23 के लिए परीक्षा की अभी कॉपी जांच चल रही है। बोर्ड के निर्देशानुसार 26 अगस्त तक कॉपी जांच का काम पूरा कर लेना है।

हैरानी यह कि अभी कॉपी जांच चल रही है और दूसरी तरफ परीक्षार्थियों के पास इस तरह की कॉल आ रही है। ऐसी कॉल से पीड़ित परीक्षार्थियों ने बोर्ड से इस मामले में जांच की मांग की है। शिवत प्रियदर्शी, रत्नेश कुमार समेत कई अन्य ने कहा कि हमारी पूरी जानकारी फ्रॉड के पास कैसे जा रही है, बड़ा सवाल है।

रोल नंबर से लेकर पिता का नाम, पता समेत पूरी जानकारी बताने के बाद अंक बताते हैं और तब पेंमेंट की बात करते हैं। कॉपी जांच की पूरी प्रक्रिया व पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

वही मामले में डीईओ राजकुमार शर्मा कहते है की परीक्षार्थी इस तरह की फ्रॉड कॉल से झांसे में नहीं आएं। बोर्ड को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। कॉपी जांच की निगरानी बोर्ड स्तर पर हो रही है। सभी फ्रॉड कॉल हैै।

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