गोपालगंज

गोपालगंज: बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपने गांव में पर्यावरण को लेकर कर रहे है वृक्षारोपण

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया से दूर अपने पैतृक गांव बरौली प्रखंड के बेलसंड में आए हुए हैं। वो इन दिनों बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर अपने गांव की मिट्टी को संवारने में लगे हैं। पंकज त्रिपाठी अपने गांव की आबो-हवा को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही देश की भी आबो-हवा और पर्यावरण को बचाने की मुहिम में भी जुटे हैं। अभिनेता पंकज त्रिपाठी गांव में पर्यावरण को लेकर वृक्षारोपण कर रहा है। गांव में सड़क किनारे एक भी पेड़ नही होने के कारण बॉलीवुड अभिनेता ने 400 पौधे लगाने की शुरुआत की है। वो ग्रामीणों को पौधा लगाकर पर्यावरण को बचाने की सलाह भी दे रहे हैं। पंकज त्रिपाठी पर्यावरण को लेकर काफी चिंतित थे। उन्होंने अपने गांव में सड़क व नदी किनारे 400 पौधें लगाने की शुरुआत किये जिसके तहत आज 51 पेड़ लगाए गए।

पंकज त्रिपाठी उन बॉलीवुड कलाकारों में से हैं जिन्हें आज भी गांव की मिट्टी से उतना ही लगाव है। यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री में भारी व्यस्तता के बावजूद पंकज त्रिपाठी वक्त निकालकर अपने गांव का भी चक्कर अक्सर ही लगाया करते हैं। एक बार फिर पंकज त्रिपाठी अपने गांव गोपालगंज के बरौली प्रखंड के बेलसंड गांव में आए हुए हैं और इस बार वजह केवल गांव घूमना नहीं बल्कि कुछ खास है। इस बार पंकज त्रिपाठी पर्यावरण के प्रति सजगता का अभियान लेकर गांव पहुंचे हैं और इसकी शुरुआत उन्होंने अपने गांव से की है। पंकज त्रिपाठी ने इस अभियान पर बात करते हुए कहा, ‘ये बहुत पुरानी योजना थी, सोचे थे कि कभी वृक्षारोपण हो क्योंकि जहां हम खड़े हैं यहां से एक किलोमीटर तक पौधा बिल्कुल नहीं है। हरियाली नहीं इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों में सजगता आए कि पेड़ लगाना क्यों जरूरी है। ग्रामीण भी यहां बहुत सारे इकट्ठे हैं और इसमें जिला प्रशासन का सहयोग है, अधिकारी लोग यहां मौजूद हैं। 400 पौधे का टारगेट है अभी ताकि जागरुकता आए लोगों में हरियाली को लेकर।’

पंकज त्रिपाठी के भाई विजेंद्र तिवारी ने बताया कि पिता बनारस तिवारी और मां हेमवती देवी के नाम से ट्रस्ट बनाया गया है। इसी ट्रस्ट की ओर से वृक्षारोपण किया गया है। पेड़ों की निगरानी के लिए फाउंडेशन की ओर से बनपाल रखे गए हैं, जो 5 बर्षो तक पेड़ों की रखवाली व देखरेख करेंगे।पंकज त्रिपाठी के भाई और ट्रस्टी विजेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि उनके पूवर्ज जो हरियाली दे गए थे वो आज नष्ट हो रहा है। अब उनकी अगली पीढ़ी स्वस्थ्य व निरोग रहे, इसलिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है।

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