गोपालगंज: हर घर तिरंगा को लेकर खादी के तिरंगा की बढ़ी मांग, मांग पूरा करने में जुटा खादी ग्रामोद्योग
गोपालगंज: आजादी का अमृत महोत्सव मनाना देश के प्रत्येक नागरिक के लिए गौरव की बात है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर घर-घर तिरंगा पहुंचाने का संकल्प गोपालगंज खादी ग्रामोद्योग ने लिया है। 15 अगस्त को हर घर में तिरंगा लहराया जाएगा। तिरंगे की कमी न हो, इसके लिए खादी का तिरंगा दिन-रात बनाने का काम शुरू है। कहा जाता है कि खादी के तिरंगे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मा बसती है। गांधीजी के इस सपनों को साकार करने के लिए कुशल कारीगरों द्वारा 50 हजार तिरंगा तैयार किया जा रहा है।
आजादी के 75वें वर्ष गाँठ पर मनाई जा रही आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को लेकर हर घर तिरंगा फहराने की योजना के बाद तिरंगे की मांग बढ़ गई है। बढ़ती डिमांड को देखते हुए खादी ग्रामोद्योग द्वारा भारी पैमाने पर तिरंगे का निर्माण कार्य जोरो पर है। खादी ग्रामोद्योग द्वारा अतिरिक्त कारीगरों को बुलाकर झंडे की सिलाई की जाती है। इसमें 50 महिला व दस पुरूष निर्माण कार्य मे लगे हुए है। खादी ग्रामोद्योग के व्यवस्थापक भोला प्रसाद ने बताया कि हमारे यहां बने तिरंगा में शुद्धता की गारंटी रहती है। साथ ही यहां खुद से सूत कताई, बुनाई, कटाई व छपाई किया जाता है। और इस कार्य मे करीब 50 महिला व दस पुरूष लगे हुए है। इस बार 30 से 50 हजार तिरंगा बनाया जा रहा है। पहले की अपेक्षा इसकी डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि औसत रूप से एक झंडे की कीमत उसकी साइज के हिसाब से 200 से लेकर 850 रुपये तक निर्धारित की गई है।
बता दे की खादी ग्रामोद्योग में पिछले 30 वर्षों से तिरंगे झंडे का निर्माण किया जाता है। झंडा सिलने वाले कारीगर बताते हैं कि तिरंगे झंडे को बनाकर गर्व की अनुभूति होती है। बड़े सौभाग्य की बात है कि हमें तिरंगा सिलने को मिल रहा है। आजादी के प्रतीक तिरंगे झंडे को लेकर कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फांसी के फंदे पर झूल गए थे। तिरंगे झंडे को पूरे प्रदेश में लोग सम्मान से ले जाते हैं। यहां बनने वाले झंडे की गुणवत्ता का हम पूरा ख्याल रखते हैं। यह स्वतंत्रता आंदोलन की निशानी व प्रत्येक देशवासी के गौरव का प्रतीक है।
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